UP Madarsa Scholarship: मदरसों में पढ़ने वाले 8वीं तक के छात्रों को नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप
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UP Madarsa Scholarship: मदरसों में पढ़ने वाले 8वीं तक के छात्रों को नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप

UP Madarsa Scholarship: केंद्र सरकार ने मदरसों में पढ़ने वालों 1 से 8वीं तक के छात्रों को बड़ा झटका दिया है. सरकार ने अब इन छात्रों को स्कॉलरशिप देने से इनकार कर दिया है. जानिए क्या है वजह

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UP Madarsa Scholarship: केंद्र सरकार ने मदरसा छात्रों को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है. सरकार ने उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले 1 से 8वीं तक के स्टूडेंट्स के स्कॉलरशिप देने से इनकार कर दिया है. पिछले साल मदरसों में पढ़ने वाले 8वीं कक्षा तक के लगभग 6 लाख स्टूडेंट्स को वज़ीफा (स्कॉलरशिप) मिला था. छात्रों को स्कॉलरशिप ना देने की वजह की बात करें तो कहा गया है कि मुफ्त और लाजमी बाल शिक्षा का अधिकार के तहत कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक की पढ़ाई मुफ्त कर दी गई है. इसलिए स्कॉलरशिप देने की कोई वजह नहीं बनती है. 

एक खबर के मुताबिक कक्षा 1 से लेकर 5वीं तक के स्टूडेंट्स को हर साल 1 हजार रुपये स्कॉलरशिप के तौर पर मिलते थे. हालांकि इससे आगे की कक्षाओं में पढ़ने वालों को अलग-अलग रकम मिलती थी. लेकिन अब यह नहीं मिलेगी. माइनॉरिटी डिपार्टमेंट की तरफ से जारी किए गए हुक्म के मुताबिक शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक की पढ़ाई मुफ्त है. इसके अलावा बाकी जरूरी चीजें भी मुफ्त दी जाती हैं. इसलिए ऐसे छात्रों को स्कॉलरशिप देने की वजह नहीं बनती. सिर्फ 9वीं और 10वीं के स्टूडेंट्स को ही वज़ीफा दिया जाएगा.

एक खबर के मुताबिक डिपार्टमेंट की तरफ से 15 नवंबर तक स्कॉलरशिप के लिए आवेदन मांगे गए थे. संस्थानों की तरफ से आवेदन दिए जाने के बाद अचानक प्रक्रिया को रोक दिया गया और अब सिर्फ 9वीं व 10वीं के छात्रों के लिए अमल को जारी रखने की बात कही गई है. 

हाल ही में मदरसा बोर्ड के चेयरमैन जावेद इफ्तिखार ने सर्वे को लेकर एक लेटर जारी किया था. जिसमें उन्होंने मदरसा संचालकों के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया था. उन्होंने कहा था कि ये सर्वे वैध-अवैध के लिए नहीं था. सर्वे का उद्देश्य बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना है. कोई मदरसा फर्जी, या अवैध नहीं है. उन्होंने कहा था कि सरकारें वक्त-वक्त पर सर्वे कराती हैं. इससे पहले की सरकारों के दौरान कराए गए सर्वे सुधार के उद्देश्य से नहीं होते थे, इसीलिए उनकी चर्चा नहीं होती थी.

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