Subhash Chandra Bose Jayanti: बोस पर बनी वो फ़िल्में, जो पैदा कर देगी देशभक्ति की आग
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Subhash Chandra Bose Jayanti: बोस पर बनी वो फ़िल्में, जो पैदा कर देगी देशभक्ति की आग

सुभाष चंद्र बोस देश भर के कई फिल्म निर्माताओं के लिए भी दिलचस्पी का विषय रहे हैं. फिल्मों में उनके साहस, देशप्रेम और पराक्रम को दिखाया गया है. आज बोस की 126वीं जयंती है. आइए एक नजर डालते हैं उन फिल्मों पर जिसमें बोस की जिंदगी को पर्दे पर उकेरने की कोशिश की गई है. 

 

'गुमनामी'  फिल्म के एक दृश्य में नेताजी सुभाष चंद्र बोस

मुंबईः  भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सुभाष चंद्र बोस का 23 जनवरी 1897 को जन्म दिन है. सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी, वह हिटलर और मुसोलिनी की नीति पर चलकर देश का अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराना चाहते थे, इस बात से महात्मा गांधी से उनके विचार नहीं मिलते थे. बोस आजादी के पहले ही एक विमान दुर्घटना में मारे गए. 18 अगस्त, 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना में बोस की मौत तो हो गई, लेकिन उसकी तस्दीक आज तक नहीं हो पाई कि क्या विमान में मरने वाले बोस ही थे या कोई और था. बोस के मरने की खबर के सालों बाद उनके जैसा आदमी कहीं जिंदा पाया गया था, जिसे लोग आज भी बास मानते हैं. हालांकि सरकारी रिकॉर्ड में विमान दुर्घटना में ही सुभाष चंद्र बोस की मौत होने की पुष्टि की गई है. लेकिन उनकी मौत के सस्पेंस से आज तक पर्दा नहीं उठा पाया है. उनको लेकर कई किस्से और कहानियां हैं. 

समाधि- 1950
यह फिल्म सीधे तौर पर सुभाष चंद्र बोस के जीवन के इर्द-गिर्द नहीं घूमती है, बल्कि उनके आजाद हिंद फौज के एक सैनिक के जीवन और अपने देश के लिए अपने जीवन और बहन के प्यार को त्याग के संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमती है. रमेश सहगल द्वारा अभिनीत, फिल्म स्वतंत्रता सेनानियों और सुभाष चंद्र बोस की विचारधाराओं और राजनीतिक विचारों के संघर्ष को चित्रित करती है.

सुभाष चंद्र- 1966
पीयूष बोस की इस बंगाली फिल्म में एक संक्षिप्त झलक दी गई है कि बोस भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लि एक उग्र राजनीतिक कार्यकर्ता कैसे बने. बोस के बचपन के दिनों से लेकर कॉलेज के वर्षों तक, भारतीय सिविल सेवा परीक्षा देने के उनके अनुभव से आजाद हिंद फौज के गठन तक को फिल्म में दिखाया गया है.

नेताजी सुभाष चंद्र बोसः द फॉरगॉटन हीरो-2004
यह फिल्म सुभाष चंद्र बोस के हाउस अरेस्ट से बचने, भारत छोड़ने और एनआईए की स्थापना पर केंद्रित थी. भारत को ब्रिटिश शासन से आजाद कराने के आजाद हिंद फौज की मुहिम को फिल्म में दिखाया गया है.  फिल्म निर्माता द्वारा निर्देशक श्याम बेनेगल की इस बायोपिक में सचिन खेडेकर को नेताजी के रूप में कास्ट किया गया था. अन्य महत्वपूर्ण किरदार जिशु सेनगुप्ता (सिसिर बोस के रूप में), कुलभूषण खरबंदा (उत्तमचंद मल्होत्रा के रूप में), दिव्या दत्ता (इला बोस के रूप में) फिल्म में अपना किरदार निभाया था. 

अमी सुभाष बोलची- 2011
इस बांग्ला फिल्म में सामाजिक समस्याओं और उन सभी को मिटाने के लिए एक शख्स के संघर्ष को दिखाया गया है. सुभाष चंद्र बोस ने बंगाली आम आदमी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. देवव्रत बोस (मिथुन चक्रवर्ती) अपनी मातृभाषा और मातृभूमि के लिए इस फिल्म में लड़ते हैं. सुभाष देवव्रत की अपनी अंतरात्मा के माध्यम से अपनी मातृभूमि के लिए लड़ने की इच्छा को जीवंत करते हैं. इस फिल्म को महेश मांजरेकर ने बनाया था. 

राग देश- 2017
यह नाटक भारतीय राष्ट्रीय सेना पर आधारित है, जिसे नेताजी ने स्थापित किया था, और भारत को आजाद कराने की लड़ाई, जो बर्मा में लड़ी गई थी. अंग्रेजों ने एनआईए के सैनिकों पर पाखण्डी और जापानी कठपुतली होने का आरोप लगाया था. तिग्मांशु धूलिया के निर्देशन में भारत को आजादी दिलाने वाले नाटकीय घटनाओं को इस नाटक में जीवंत किया गया है.

बोसः डेड/अलाइव- 2017
नौ भाग की टेलीविजन श्रृंखला नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमय मौत की परिस्थितियों के आसपास के सिद्धांतों पर प्रकाश डालती है. लेखक औज धर की 2012 की किताब इंडियाज बिगेस्ट कवर-अप पर आधारित इस टीवी श्रृंखला में उन षड्यंत्र सिद्धांतकारों को संबोधित करने की कोशिश करती है जो मानते हैं कि 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में एक विमान दुर्घटना में सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु नहीं हुई थी. एकता कपूर द्वारा निर्देशित, इस श्रृंखला  में राजकुमार राव ने (सुभाष चंद्र बोस के रूप में) अपना रोल प्ले किया था. 

गुमनामी- 2019
फिल्म गुमनामी मुखर्जी आयोग की सुनवाई पर आधारित है, जो 1999 से 2005 तक हुई थी और जिसके दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निधन के बारे में तीन सिद्धांतों का पता लगाया गया था और उनका विरोध किया गया था. 

द फॉरगॉटन आर्मी- 2020
कबीर खान की छह-एपिसोड की यह डॉक्यूमेंट्री ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 1999 में जारी की गई थी. हालांकि इसमें बोस को लेकर बहुत कम जानकारी दी गई थी. 

Zee Salaam

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