Iran Supreme Leader on Proxy Army: अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस समेत ज्यादातर देश यमन के हूती विद्रोहियों, फ़लस्तीन के हमास और लेबनान के हिजबुल्लाह लड़ाकों को ईरान का प्रॉक्सी बल कहते हैं. इस बीच ईरान के सुप्रीम लीडर ने बड़ा बयान दिया है.
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Iran Supreme Leader on Proxy Army: ईरान पर हमेशा से प्रॉक्सी सेना रखने का इल्जाम लगाया जाता रहा है. इसको लेकर ईरान के सुप्रीम लीडर ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि ईरान के पास कोई प्रॉक्सी सेना नहीं है. अगर किसी दिन हमें अपने दुश्मनों के खिलाफ कोई कार्रवाई करनी हो तो हमें इसके लिए प्रॉक्सी बलों की जरूरत नहीं होगी."
सुप्रीम लीडर ने पश्चिमी देशों पर निशाना साधा है और उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स लिखा, वो कहते हैं कि इस्लामिक रिपब्लिक ईरान ने इलाके में अपने प्रॉक्सी बलों को गंवा दिया है. हमारे पास प्रॉक्सी सेनाएं नहीं हैं."
ईरान का प्रॉक्सी सेना कौन
दरअसल, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस समेत ज्यादातर देश यमन के हूती विद्रोहियों, फ़लस्तीन के हमास और लेबनान के हिजबुल्लाह लड़ाकों को ईरान का प्रॉक्सी बल कहते हैं. गाजा में हमास के खिलाफ इसरायल के जंग छेड़ने के बाद से हिजबुल्लाह ने लेबनाना की तरफ से इसराइल पर कई हमले किए. वहीं इसी दौरान लाल सागर से सामान लेकर इजरायल से आने वाले और जाने वाले जहाजों पर यमन के हूती विद्रोहियों ने कई हमलों को अंजाम दिया.
सीरिया के हालात पर क्या बोले सुप्रीम लीडर
सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी अमेरिका और सीरिया के हालात पर अपनी राय जाहिर की. उन्होंने कहा कि सीरिया के युवाओं के पास खोने के लिए कुछ नहीं बचा है. उनके विश्वविद्यालय, स्कूल, घर और जीवन सुरक्षित नहीं हैं. वे क्या कर सकते हैं? उन्हें उन लोगों के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना होगा, जिन्होंने इस अस्थिरता को पैदा किया है.
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका देशों पर हावी होने की अपनी योजना में दो रणनीति अपनाता है. पहला, एक तानाशाही शासन स्थापित करना जिसके साथ वे बातचीत कर सकें और देशों के हितों को आपस में बांट सकें. दूसरा, अराजकता और दंगे फैलाना. यही वजह है कि सीरिया में अराजक स्थिति पैदा हो गई है."