हाल ही में शरद पवार ने अपने ओहदे से इस्तीफा दिया था. इसके बाद NCP कमेटी ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया. ऐसे में शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है.
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NCP के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार अपने पद पर बने रहेंगे. 18 सदस्यों वाली NCP कमेटी ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया है. मीटिंग में NCP कमेटी ने कहा कि "सक्रिय राजनीति में रहते हुए शरद पवार ही पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे." इस मामले में शरद पवार ने शुक्रवार को चाईबी चव्हाण सेंटर में प्रेस कांफ्रेंस में अपना इल्तीफा वापस लिया.
क्या बोले शरद पवार?
अपना इस्तीफा वापस लेते हुए NCP अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि "मैंने NCP के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया था. मैंने राजनीतिक जीवन में 66 साल पूरे कर लिए हैं. इतनी लंबी पारी के बाद आराम करना चाहता था. मेरे फैसले के बाद कारकुनों ने और लोगों में बेचैनी हुई. मेरे सलाहकारों ने कहा कि मुझे इस फैसले पर एक बार सोचना चाहिए. मेरे सपोर्टर और मेरे रहनुमा मुझसे अपना फैसला बदलने की गुजारिश कर रहे थे. महाराष्ट्र के राजनेता मुझसे इस्तीफा वापस लेने की गुजारिश कर रहे थे."
#WATCH | Nationalist Congress Party (NCP) workers celebrate outside YB Chavan Centre in Mumbai as Sharad Pawar withdraws his resignation as the national president of the party. pic.twitter.com/l36qjDippY
— ANI (@ANI) May 5, 2023
तैयार किया जा रहा नेतृत्व
उन्होंने कहा कि "कमेटी की तरपश से लिया गया फैसला और इन सभी मांगों पर ध्यान देते हुए मैंने एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला वापस ले लिया है. भेले ही यह फैसला मैं ले रहा हूं, मुझे लगता है कि पार्टी में नई कयादत बनाई जानी चाहिए. मैं इसके लिए काम कर रहा हूं."
इस्तीफा वापस लेने के दारौन शरद पवार से अजित पवार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "सभी लोग यहां हैं कोर कमेटी ने ये फैसला लिया था. इसके बाद मैंने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया. सबी लोगों ने इस बारे में बात की है."
इस्तीफे के बाद इन्होंने छोड़ा था पद
शरद पवार ने अपना इस्तीफा देते वक्त कहा था कि अब नई पीढ़ी को मौका देने का मौका है. उनके इस ऐलान ने लोगों को चौंका दिया था. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, जितेंद्र चौहाण, छगन भुजबल समेत कई नेता भावुक हो गए थे. जयंत पाटिल ने तो यहां तक कह दिया था कि हम आपकी वजह से ही नेता हैं. अगर आप सदर नहीं रहेंगे तो हम क्या करेंगे. इसके बाद जितेंद्र चौहाण ने रास्ट्रीय महासचिव के ओहदे से इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही कई पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया था.
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