Sheru Khan: मध्यप्रदेश के सीहोर में मशहूर कुबेरेश्वर महादेव मंदिर रुद्राक्ष लेने आए लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अक़ीदतमंत अपनी जान ख़तरे में डाल कर रुद्राक्ष लेने आए थे.कई किलोमीटर दूर तक पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं थी और फिर वहां शेरू ख़ान मसीहा बनकर पहुंचे.
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Sheru Khan Help Devotee: मध्यप्रदेश के सीहोर में मशहूर कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में पीने के पानी का मुनासिब इंतेज़ाम नहीं है, यहां लोगों को पानी के लिए काफ़ी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. रुद्राक्ष लेने आए लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अक़ीदतमंत अपनी जान ख़तरे में डाल कर रुद्राक्ष लेने आए थे.कई किलोमीटर दूर तक सड़कों पर गाड़ियां और पैदल चलने वालों की क़तारें ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही थीं. इन हालात में कहीं पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं थी, जिससे वहां आए लाखों लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसते नज़र आए.
लोगों को पानी के लिए तड़पता देखा
प्यास की वजह से मासूम बच्चों और बुज़ुर्गों की हालत बहुत ख़राब थी,प्यास की वजह से उनका हाल बेहाल था. इस मौक़े का फायदा उठाते हुए लोगों ने महज़ 10 रूपये में बेची जाने वाली पानी की बोतल को 50 , यहां तक की 100 रूपये की मनमानी क़ीमत में बेचा और लोगों की मजबूरी का भरपूर फायदा उठाया गया. जब लोग सड़कों पर पानी के लिए तड़प रहे थे तो उस वक़्त वहां से शेरू ख़ान का गुज़र हुआ. शेरू ख़ान का ताल्लुक़ सीहोर की सोडा ग्राम पंचायत के तहत आने वाले गांव गोकुलपुरा से है. शेरू ख़ान किसी काम से जा रहे थे, तब ही उनकी नज़र पानी के लिए तड़पते हुए लोगों पर पड़ी.
शेरू ख़ान ने पेश की मिसाल
आनन-फानन में शेरू ख़ान अपना काम निपटा कर गांव पहुंचे. उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर बहुत बड़ा पाइप जमा किया और अपने दोस्त के खेत से चालू करके पाइप को मेन रोड पर लाए, जहां लोग प्यास की वजह से बेहाल थे और पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे थे. इस पाइप के ज़रिए से उन्होंने वहां मौजूद लाखों लोगों को पानी मुहय्या करवाया. शेरू ख़ान ने इंसानियत की एक शानदार मिसाल पेश की. उन्होंने ये साबित कर दिया कि इंसानियत सबसे बड़ा मज़हब है. लोगों की मदद करना सबसे बड़ा मज़हब है. शेरू ख़ान के इस कारनामे की चारों ओर चर्चा हो रही है.
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