Rajasthan News: इन यूनिवर्सिटी के नाम पर पाए गए फर्जी फार्मासिस्ट; रजिस्ट्रेशन होगा कैंसिल
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Rajasthan News: इन यूनिवर्सिटी के नाम पर पाए गए फर्जी फार्मासिस्ट; रजिस्ट्रेशन होगा कैंसिल

 फार्मासिस्टों के रजिस्ट्रेशन में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. राजस्थान फार्मेसी काउंसिल की ओर से 100 से ज्यादा ऐसे फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन कर दिया. जिनके एजुकेशनल डॉक्यूमेंट्स ही फर्जी है.

Rajasthan News: इन यूनिवर्सिटी के नाम पर पाए गए फर्जी फार्मासिस्ट; रजिस्ट्रेशन होगा कैंसिल

Rajasthan Pharmacist ragistration: राजस्थान में फार्मासिस्ट के लिए दिए जाने वाले रजिस्ट्रेशन में बड़ा फर्जीवाड़े सामने आया है. राजस्थान फार्मेसी काउंसिल ने 100 से ज्यादा ऐसे फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन कर दिया जिनके पास इसकी डिग्री ही नहीं थी. जांच में पता चलने के बाद इन फर्जी फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा रहा है. इन सभी फार्मासिस्टों के डॉक्यूमेंट्स फर्जी पाए गए हैं.

कैसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा 
औषधि नियंत्रक अधिकारी अजय फाटक ने मीडिया से बताया कि फार्मासिस्टों के फर्जी रजिस्ट्रेशन को लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग को शिकायतें मिल रही थी. शिकायतों के आधार पर विभाग ने जब दस्तावेजों की जांच कराई, तो उसमें से 101 फार्मासिस्टों की डिग्री-डिप्लोमा फर्जी निकली. जिन यूनिवर्सिटी के नाम से इन फर्जी फार्मासिस्टों ने डॉक्यूमेंट्स लगाए थे, उन यूनिवर्सिटियों से जानकारी मांगी गई. जिसमें पता चला है कि इन फार्मासिस्टों का वहां एनरोलमेंट नंबर ही नहीं है. इसके साथ ही वहां कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं है. राजस्थान फार्मेसी काउंसिल का चार्ज देख रहे अजय फाटक ने इन फार्मासिस्टों पर कार्रवाई के लिए राजस्थान फार्मेसी काउंसिल अध्यक्ष को पत्र लिखा हे. 

कैसे होता है फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन
देश विभिन्न यूनिवर्सिटी से फार्मा की डिग्री और डिप्लोमा लेने वाले अभ्यर्थियों राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म भरते हैं. डॉक्यूमेंट्स की जांच के बाद इन छात्रों का रजिस्ट्रेशन कर दिया जाता है. उसके बाद वह दवा की दुकान ले सकते हैं, या दवा की दुकान पर काम कर सकते हैं. कई बार धांधली और लपरवाही के चलते बिना जांचे परखे ही रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वालों को सर्टिफिकेट दे दिया जाता है.

स्वास्थ्य के साथ नहीं हो खिलवाड़
अजय फाटक ने बताया कि आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ कहीं खिलवाड़ तो नहीं हो रहा है, इसको लेकर सभी जिलों में नजर रखी जा रही है. फर्जी पाए गए रजिस्ट्रेशन धारकों के नाम से कहीं दवाईयां तो नहीं बेची जा रही या कहीं ये फार्मासिस्ट काम तो नहीं कर रहे इसको लेकर ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी को भी निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही यूनिवर्सिटियों के नाम से मिले अन्य दस्तावेजों की भी जांच कराई जाएगी.

जिन यूनिवर्सिटी के फर्जी दस्तावेज लगाए गए उनमें YBN यूनिवर्सिटी रांची (45), IEC यूनिवर्सिटी सोलन, हिमाचल प्रदेश(14), स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर मध्यप्रदेश (10), IFTM यूनिवर्सिटी मुरादाबाद यूपी (22) और बिहार स्टेट फार्मेसी काउंसिल(10) शामिल हैं.

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