Jammu & Kashmir: भारतीय रेलवे ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में मौजूद देश के पहले केबल-स्टेड रेल पुल अंजी खाद पर टावर वैगन का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. यह कामयाबी जम्मू-कश्मीर में रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसके जनवरी 2025 में शुरू होने की उम्मीद है.
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Railway Connectivity in Jammu & Kashmir: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्रायल रन का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें इस महत्वपूर्ण परियोजना की प्रगति पर रौशनी डाली गई. रेल मंत्रालय के अनुसार, "उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के एक प्रमुख घटक अंजी खाद पुल पर ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है."
इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है अंजी खाद:
पिछले महीने बनकर तैयार हुआ अंजी खाद पुल इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है, जिसमें एक ही सपोर्ट टावर स्ट्रक्चर नदी तल से 331 मीटर ऊपर है. यह अपने लेटरल और सेंट्रल स्पैन पर 48 केबलों द्वारा सपोर्टेड है. इसकी कुल लंबाई 473.25 मीटर है. यह लंबा ब्रिज 120 मीटर की दूरी पर है, जबकि केंद्रीय तटबंध 94.25 मीटर तक फैला है.
Giving wings to connectivity in Jammu and Kashmir, trial run of a tower wagon on Indias first cable-stayed Rail bridge, the Anji Khad Bridge was successfully completed for the USBRL project. pic.twitter.com/WSSeUjjBz8
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) December 24, 2024
चिनाब के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे पुल
यह चिनाब ब्रिज के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे पुल है. चिनाब ब्रिज पर नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है. दोनों पुल जम्मू और कश्मीर में कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी यूएसबीआरएल परियोजना का हिस्सा हैं. यूएसबीआरएल परियोजना 272 किलोमीटर तक फैली हुई है, जिसमें से 255 किलोमीटर पहले ही पूरा हो चुका है.
272 किलोमीटर लंबी रेलवे परियोजना है
कटरा और रियासी के बीच बाकी बचे भाग इस महीने के आखिर तक पूरी होने की उम्मीद है. उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) 272 किलोमीटर लंबी रेलवे परियोजना है, जो जम्मू और कश्मीर को बाकी भारत से जोड़ती है. इसे भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे परियोजनाओं में से एक माना जाता है.
जनवरी में शुरू होगा रेलवे सेवा
इस परियोजना से श्रीनगर और जम्मू के बीच यात्रा का समय छह घंटे से घटकर 3.5 घंटे रह जाएगा. रेलवे परियोजनाओं का निर्माण अत्यधिक तापमान, बड़े भूकंप क्षेत्रों और दुर्गम इलाकों जैसी प्राकृतिक चुनौतियों पर काबू पाने के बाद किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2025 में कश्मीर और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए तेज संपर्क प्रदान करने वाली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे.