Places of Worship Act को लेकर आज SC में सुनवाई, जानें पिटीशन में क्या गया है?
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Places of Worship Act को लेकर आज SC में सुनवाई, जानें पिटीशन में क्या गया है?

Places of Worship Act: प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. इस मामले में 6 पिटीशन दायर की गई हैं. जिसमें से एक जमीयत उलेमा ए हिंद की तरफ से दायर की गई है.

Places of Worship Act को लेकर आज SC में सुनवाई, जानें पिटीशन में क्या गया है?

Places of Worship Act: देश के कई हिस्सों में दरगाह और मस्जिद पर दावे चल रहे हैं. ऐसे में कानून का लगातार जिक्र हो रहा है. नाम है प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट. जिसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है. इस मामले में कुल 6 पिटीशन दायर की गई है. जिसमें एक जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका समर्थन में है.

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट क्या है?

यह कानून 1991 में बनाया गया था. जो कहता है कि देश में धार्मिक स्थलों में वही कंडीशन बनाई रखी जाए जो आजादी के दिन यानि 15 अगस्त 1947 को थी. उसमे बदलाव नहीं किया जा सकता. लेकिन, बाबरी मस्जिद और राम मंदिर विवाद को इससे बाहर रखा गया था.

एक्टर पर दायर की गई हैं 6 याचिका

इस एक्ट के वेलिडेशन को लेकर कुल 6 याचिकाए दायर की गई हैं. इनमे से विश्व भद्र पुजारी पुरोहित महासंघ, डॉक्टर सुब्रह्मण्यम स्वामी, अश्विनी उपाध्याय और बाकी लोगों ने इस एक्ट को चुनौती दी है. वही जमीयत उलेमा ए हिंद इस एक्ट के समर्थन में है.

याचिकाओं में क्या कहा गया है?

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को चुनौती देने वाली पिटीशन में कहा गया है कि यह कानून हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय को अपने उन पवित्र स्थलों पर दावा करने से रोकता है, जिनकी जगह पर जबरन मस्ज़िद, दरगाह या चर्च बना दिए गए. यह कानून न्याय पाने के लिए कोर्ट आने के अधिकार से वंचित करता मौलिक अधिकार का हनन है.

जमीयत उलेमा हिंद का क्या है कहना?

वही इस कानून को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद का कहना है कि इस एक्ट को प्रभावी तौर पर अमल में लाया जाना चाहिए. संभल में हुए विवाद के बाद जमीयत ने कोर्ट से इस मसले जल्द सुनवाई की मांग की थी, ताकि देश के अलग-अलग हिस्सों ने धार्मिक स्थलों को लेकर चल रहे विवाद पर विराम लग सके. 2021 में इस एक्ट को  चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट केन्द्र को नोटिस जारी कर चुका है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ नहीं किया है.

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