नेता ने उठाए सवाल; सरस्वती ने हमें कुछ नहीं सिखाया, फिर स्कूलों में क्यों है इनकी मूर्ति ?
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नेता ने उठाए सवाल; सरस्वती ने हमें कुछ नहीं सिखाया, फिर स्कूलों में क्यों है इनकी मूर्ति ?

Bhujbal raise questions on Saraswati statue in Maharashtra schools: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने एक सार्वजनिक समारोह में सवाल किया है कि क्यों न सरस्वती की मूर्ति के बजाए हम उनकी मूर्ति स्थापित करें जिन्होंने ज्ञान के क्षेत्र में कोई काम और योगदान दिया है.  

छगन भुजबल

मुंबई/नासिकः स्कूलों में धार्मिक लिबास और पहचान (Religious Sign in Schools) को लेकर पिछले एक साल से देशभर में बहस छिड़ी हुई है. खासकर, केरल के सरकारी स्कूलों में हिजाब (Hijab) और नकाब पहनकर जाने के अधिकार को लेकर यह मामला कोर्ट पहुंच गया था, जहां कोर्ट ने इस तरह की मांगों को खारिज कर दिया है. वहीं, स्कूलों में सरस्वती (Saraswati) की मूर्ति और पूजा का यह कहकर जायज ठहराया जाता रहा है कि सरस्वती ज्ञान की देवी हैं, इसलिए स्कूलों में उनकी मूर्ति की स्थापना सही है, भले ही स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों की सरस्वती देवी ( Saraswati goddess) में आस्था हो या नहीं हो. अब इस मामले को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता ने उठाकर महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों में सरस्वती देवी की मूर्ति की मौजूदगी पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
  
स्कूलों में सावित्री फुले और ज्योतिबा फुले की लगे मूर्ति
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने महाराष्ट्र के स्कूलों में देवी सरस्वती की मूर्ति की मौजूदगी पर सरकार से सवाल किए हैं. 
दरअसल, इस सप्ताह की शुरुआत में मुंबई में एक प्रोग्राम के दौरान भुजबल ने कहा था, ’’स्कूलों में सावित्री फुले, ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज, भाऊराव पाटिल और भीमराव आंबेडकर की मूर्तियां लगाई जानी चाहिए. पूर्व मंत्री ने आगे कहा, “इन समाज सुधारकों के बजाय, स्कूलों में देवी सरस्वती और शारदा की मूर्तियां लगाई जाती हैं. भुजवल ने आगे कहा था कि हमने ज्ञान की देवी मां सरस्वी को नहीं देखा है, न ही उन्होंने हमें कुछ सिखाया है. हम उनके सामने प्रार्थना क्यों करें?” 

वह ज्ञान की देवी हैं, नहीं हटेंगी मूर्तियांः सरकार 
छगन भुजबल के इस बयान के बाद शिंदे और फडणवीस ने इस मामले में कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि सरस्वती की मूर्तियां स्कूलों से नहीं हटेंगी. मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रमुख ओबीसी नेता भुजबल के गृह क्षेत्र नासिक में पत्रकारों से कहा, “कोई भी मूर्ति नहीं हटाई जाएगी. कुछ लोग जो चाहे महसूस कर सकते हैं. हम उनकी मर्जी के मुताबिक काम नहीं करेंगे. हम वही करेंगे जो आम लोग चाहते हैं.” उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि समाज सुधारकों की मूर्तियां भी स्कूलों में लगाई जाएंगी, लेकिन सरस्वती की मूर्तियां नहीं हटाई जाएंगी. उन्होंने कहा, “सरस्वती ज्ञान की देवी है. जो लोग हमारी संस्कृति और हिंदूत्व को नहीं मानते वह इस तरह की टिप्पणियां करते हैं.” इस बीच नासिक में भुजबल के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. 

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