NEET PG 2023 Postponement Hearing: एग्जाम स्थगन पर SC में सुनवाई; जानें मामला और क्या है एस्पायरेंट की मांग
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NEET PG 2023 Postponement Hearing: एग्जाम स्थगन पर SC में सुनवाई; जानें मामला और क्या है एस्पायरेंट की मांग

NEET PG 2023 Postponement Hearing: नीट पीजी 2023 के स्थगन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. छात्रों के एक लंबे प्रोटेस्ट के बाद कोर्ट इस मामले को सुन रहा है. इससे पहले एस्पाइरेंट ने तेलंगाना हाई कोर्ट में अपील की थी.

NEET PG 2023 Postponement Hearing: एग्जाम स्थगन पर SC में सुनवाई; जानें मामला और क्या है एस्पायरेंट की मांग

NEET PG 2023 Postponement Hearing: नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) पीजी 2023 को स्थगित करने की काफी वक्त से मांग कर रहे हैं. जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर आज सुनवाई कर रही है. आपको जानकारी के लिए बता दें केंडिडेट्स ने इस एग्जाम को पोस्टपोन करने के लिए काफी वक्त से ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रोटेस्ट कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को आज के लिए सूचीबद्ध किया था क्योंकि राष्ट्रीय बोर्ड परीक्षा (NBE) ने पहले घोषणा की थी कि वह 5 मार्च को NEET PG 2023 परीक्षा आयोजित करेगी.

नीट पीजी के उम्मीदवार क्यों कर रहे हैं प्रोटेस्ट ( NEET PG 2023 Students Protesting)

छात्रों को चिंता है कि अगर मार्च में परीक्षा होगी और अगस्त में काउंसलिंग होगी, तो समय की कमी के कारण न तो वे नौकरी के लिए आवेदन कर पाएंगे और न ही उन्हें ठीक से पढ़ाई करने का समय मिल पाएगा. जिसकी वजह से वह NEET PG 2023 exams के स्थगन की मांग कर रहे हैं. ताकि वह इसके लिए अच्छे से तैयारी कर पाएं. इस एग्जाम को लेकर बच्चों में काफी आक्रोश भी है. हाल ही के दिनों में तमिलनाडु में NEET PG 2023 के उम्मीदवार ने सुसाइड कर ली. जब पिता को इस बात की जानकारी मिली तो उसने भी आत्महत्या कर ली. इसके बाद इस प्रोटेस्ट ने एक अलग रूप ले लिया.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और दीपांकर दत्ता इस मसले की सुनवाई कर रहे हैं. इस मसले (NEET PG 2023 exams postponement) को लेकर दो तीन महीने पहले 2 रिट पिटीशन दायर की गई थी. जिसको लेकर ही सुनवाई हो रही है.

तेलंगाना कोर्ट ने रिजेक्ट की याचिका

आपको जानकारी के लिए बता दें इससे पहले तेलंगाना हाई कोर्ट ने नीट यूजी 2023 को  पोस्टपोन करने की याचिका को खारिज कर दिया था. अदालत ने इस आधार पर याचिका को खारिज कर दिया था कि परीक्षा की तारीखों को छह महीने पहले तय किया गया था और ये अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित की जानी थीं. अदालत ने कहा कि परीक्षा स्थगित करना संभव नहीं है.

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