हैदराबाद में AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी अपने भाषण में कहते हैं कि जहां पूरा मुल्क आज़ादी का 75वें साल का जश्न मनाने जा रहा है वहीं दूसरी ओर फासीवादी ताकतें इतिहास में आज़ादी की लड़ाई में मुसलमानों की क़ुर्बानियों को बदलने की कोशिश कर रही हैं.
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Asaduddin Owaisi: हैदराबाद के जलसा में एक कार्यक्रम के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपने भाषण में कहा कि 'भारत में अगर सब से ज़्यादा किसी की बेइज़्ज़ती की जाती है तो वो मुसलमान है. भारत में सबसे ज़्यादा ग़ैर महफ़ूज़ मुसलमान है'. उन्होंने कहा कि 'देश में गौ रक्षकों को जो आज़ादी मिली है वो नहीं मिलनी चाहिए. हम उम्मीद करते है की प्रधानमंत्री अपने लाल क़िले के भाषण में मुल्क के मज़लूमों का ज़िक्र करेंगे'.
ओवैसी ने आगे कहा कि इतिहास में मुसलमानों का भी योगदान है, हमें साथ मिलकर आज़ादी का जश्न मनाना है. उन्होंने कहा कि हमारे देश को आज़ादी तो मिल गई है लेकिन आज भी ग़रीबी से छुटकारा नहीं पाया जा सका है. आज भी देश में किसानों की आय बहुत कम है. ओवैसी जनसभा को संबोधित करते हुए आगे कहते हैं कि जहां पूरा मुल्क आज़ादी का 75वें साल का जश्न मनाने जा रहा है वहीं दूसरी ओर फासीवादी ताकतें इतिहास को बदलने की कोशिश कर रही हैं. ये ताक़ते इतिहास में दर्ज आज़ादी की लड़ाई में मुसलमानों के बहे खून को मिटाना चाहती हैं. लेकिन मैं उनको बताना चाहता हूं कि हमारे मज़हब के लोगो को योगदान आज़ादी की जंग में किसी से कम नहीं है. आज़ादी की जंग में हमारे मज़हब के लोगों का भी बड़ा योगदान है. हम सिराजुद्दौला और टीपू सुल्तान के बलिदान को कैसे भूल सकते हैं.
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ओवैसी ने कहा कि 'आज़ादी का मतलब ये नहीं कि गौरक्षकों को कुछ भी करने की आज़ादी मिल जाए. आज देश में अगर कोई सबसे पिछड़ा है तो वो मुसलमान है.' उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'चीन ने आज हमारे 100 sq km पर कब्ज़ा कर लिया है लेकिन कोई आवाज़ उठाने वाला नहीं है.सब मिलकर रहेंगे तभी इस देश का विकास होगा और लोग खुशहाल भी रहेंगे.
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