UP Politics: कांग्रेस को मिलीं वही सीटें जिन पर हुई थी जमानत जब्त; कहीं ये SP का 'खेला' तो नहीं
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UP Politics: कांग्रेस को मिलीं वही सीटें जिन पर हुई थी जमानत जब्त; कहीं ये SP का 'खेला' तो नहीं

Aam Chunav: I.N.D.I.A गठबंधन की छोटी पार्टियों को यूपी में समाजवादी पार्टी अपने कोटे से कुछ सीटें दे सकती है. SP की तरफ से कांग्रेस को रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया की सीटें दी गई हैं. 

UP Politics: कांग्रेस को मिलीं वही सीटें जिन पर हुई थी जमानत जब्त; कहीं ये SP का 'खेला' तो नहीं

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर  I.N.D.I.A गठबंधन में सीटों की तकसीम पर कुछ राज्यों में बात बनती नजर आ रही है. इसके तहत यूपी में कांग्रेस को 17 सीटों पर इलेक्शन लड़ना है.जबकि, समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार 62 सीटों पर चुनावी  मैदान में उतरेंगे. वहीं, दूसरी तरफ चन्द्रशेखर आजाद की पार्टी एक सीट पर इलेक्शन लड़ेगी. इंडी गठबंधन की छोटी पार्टियों को यूपी में समाजवादी पार्टी अपने कोटे से कुछ सीटें दे सकती है. SP की तरफ से कांग्रेस को रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया की सीटें दी गई हैं. 

 

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि, कांग्रेस इसमें से बुलंदशहर या मथुरा में से कोई एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में डालकर उसके बदले में श्रावस्ती सीट अपने हिस्से में ले सकती है. ऐसे में अब इस बारे में चर्चाओं का दौर जारी है कि क्या समाजवादी अपनी 2017 वाली गलती को दोहराना चाहती है. वह कांग्रेस को एक चौथाई के करीब सीट देकर कहीं 2017 के असेंबली इलेक्शन की गलती तो नहीं दोहरा रही है? समाजवादी पार्टी की तरफ से कांग्रेस के हिस्से में जो 17 सीटें दी गई हैं उनमें से 12 सीटों पर 2019 में कांग्रेस की जमानत भी जब्त हो गई थी. इनमें से एक सीट बांसगांव भी है, जिसपर कांग्रेस ने 2019 में इलेक्शन भी नहीं लड़ा था. वह इनमें से सिर्फ रायबरेली सीट पर ही कामयाब हुई थी.

 

बता दें कि, कांग्रेस ने 2019 में उत्तर प्रदेश की जिन 67 सीटों पर लोकसभा इलेक्शन लड़ा था, उनमें से 63 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी. अमरोहा सीट पर तो 2019 में कांग्रेस को सिर्फ एक फीसद वोट हासिल हुए थे. तब इस सीट पर बीएसपी ने सफलता हासिल की थी और यहां से दानिश अली को एमपी चुना गया था. ऐसे में अब हलचल तेज है कि दानिश अली, जिनको बीएसपी ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, यहां से कांग्रेस के टिकट पर इलेक्शन लड़ सकते हैं. इस बार कांग्रेस जिन दूसरी सीटों पर इलेक्शन लड़ रही है, उनमें से 2019 में प्रयागराज, बुलंदशहर, मथुरा, महाराजगंज, देवरिया और गाजियाबाद में उसे दहाई अंक प्रतिशत में भी वोट नहीं मिले थे.

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