Uttar Pradesh Madarsa: गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई की है. सरकार का कहना है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ रहे बच्चों को स्कूलों में पढ़ाया जाए. इस पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने रिएक्शन दिया है.
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Uttar Pradesh Madarsa: देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर प्रदेश के गैर-मान्यता मदरसों को लेकर राज्य सरकार की कार्रवाई की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि मदरसे शिक्षा के अधिकार कानून के दायरे से बाहर हैं और ये संविधान में निहित अधिकार के तहत संचालित हो रहे हैं. संगठन के प्रबंधन समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में यह आरोप भी लगाया गया है कि सरकार द्वारा देश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था का ‘भगवाकरण’ करने का प्रयास किया जा रहा है.
संविधान से मिला अधिकार
जमीयत प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने उत्तर प्रदेश में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों से जुड़े मामलों को लेकर कहा, "उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रदेश के 4204 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाए. इस संबंध में हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि मदरसे शिक्षा के अधिकार कानून से अलग हैं और यह अधिकार हमें संविधान ने दिया है, जिसे हम छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं."
समझ विकसित करें
मौलाना महमूद मदनी ने यह भी कहा, "यह भी अहम है कि उलेमा वर्तमान समय की आवश्यकताओं को पहचानने की क्षमता भी विकसित करें. अगर उलेमा समय की मांग को समझने में विफल रहेंगे, तो वह समाज के लड़कों और लड़कियों के विकास में प्रभावी भूमिका नहीं निभा पाएंगे." जमीयत के प्रस्ताव में कहा गया है, "सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा प्रणाली के भगवाकरण करने के प्रयास किए जाने की कड़ी निंदा की जाती है. भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को अपने धार्मिक आचरण की अनुमति देता है. स्कूली छात्रों को सूर्य नमस्कार, सरस्वती पूजा के लिए मजबूर करना धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है."
मदरसों में बायोमैट्रक
बीते कल उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों के लिए एक नया नियम बनाया है ताकि मदरसों की व्यवस्था चाक चौबंद हो. सरकार ने शिक्षकों और छात्रों के लिए अब बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी है. पहले चरण में 560 अनुदानित मदरसों में बायोमैट्रिक व्यवस्था लागू कर दी गई है. इसके अलावा सीसीटीवी की निगरानी में मदरसों में पढ़ाई होगी.