Jamiat Ulema e Hind Meeting: शुक्रवार से जमीयत उलेमा-ए-हिंद का महाअधिवेश की शुरूआत हो गई. जमीयत उलेमा के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में सम्मेलन आरंभ हुआ, जिसमें कई प्रस्ताव पेश किए गए.
Trending Photos
Jamiat Ulema e Hind: शुक्रवार से जमीयत उलेमा-ए-हिंद का महाअधिवेश की शुरूआत हो गई. जमीयत उलेमा के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में सम्मेलन आरंभ हुआ. महाधिवेशन का पूर्ण सत्र रविवार को आयोजित होगा जिसमें हज़ारों की तादाद में लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है.10 फरवरी से शुरू हुए इस सम्मेलन का समापन 12 फरवरी को होगा. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने सेक्रेटरी रिपोर्ट प्रस्तुत की.
नफ़रती बयानों पर लगे रोक
संगठन द्वारा महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए हैं. जिसमें देश में बढ़ते नफरती अभियान और इस्लामोफोबिया की रोकथाम पर विचार करने की बात कही गई. इस बारे में बताया गया कि देश में इस्लामोफोबिया और मुसलमानों के विरुद्ध नफरत और उकसावे की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. सबसे दुखद बात यह है कि यह सब सरकार की आंखों के सामने हो रहा है. विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत की सिविल सोसाइटियों की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बावजूद सत्तासीन लोग न केवल इन घटनाओं की रोकथाम के प्रति अनिच्छुक हैं बल्कि कई भाजपा नेता, विधायकों और सांसदों के नफरत भरे बयानों से देश का माहौल लगातार ख़राब होता जा रहा है.
देश में क़ायम रहे भाईचारा
महाधिवेशन में यह बात रखी गई कि देश में समरसता को बढ़ावा देने के लिए नेशनल फाउंडेशन फॉर कम्युनल हार्मनी और नेशनल इंटेगरल काउंसिल को सक्रिय किया जाए और इसके तहत सह अस्तित्व से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. विशेषकर सभी धर्मों के प्रभावशाली लोगों की संयुक्त बैठकें और सम्मेलन आयोजित की जाएं. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द का यह महाधिवेशन सभी न्यायप्रिय दलों और राष्ट्र हितैषी व्यक्तियों से अपील करता है कि वह प्रतिक्रियावादी और भावनात्मक राजनीति के बजाय एकजुट होकर चरमपंथी और फासीवादी शक्तियों से राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर मुकाबला करें और देश में भाईचारा, आपसी सहिष्णुता और न्याय की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास करें.
Watch Live TV