Madhya Pradesh में चीता को ट्रैक करने वाली टीम को गांव वालों ने पीटा, पूछने पर बताई हैरानी भरी बात
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Madhya Pradesh में चीता को ट्रैक करने वाली टीम को गांव वालों ने पीटा, पूछने पर बताई हैरानी भरी बात

Madhya Pradesh: एमपी से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां चीता को ट्रैक कर रही टीम को गांव वालों ने पीट लिया. इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.

Madhya Pradesh में चीता को ट्रैक करने वाली टीम को गांव वालों ने पीटा, पूछने पर बताई हैरानी भरी बात

Madhya Pradesh: चीता को ट्रैक करनी वाली टीम को गांव वालों ने पीटने की खबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार टीम आशा नाम के चीता को ट्रैक कर रही थी जो 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाया गया था. ये मामला शेओपुर डिविजन के बुराखेड़ा का है. जहां गुरुवार को टीम चीता को ट्रैक करने गई थी. आधिकारिक जानकारी के अनुसार टीम के चार मेंबर्स बुरी तरह घायल हुए हैं, और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था.

गांव वालों ने टीम को क्यों पीटा?

रिपोर्ट्स के अनुसार जिस वक्त टीम चीता को ट्रैक कर रही थी. उस वक्त गांव वालों ने सोचा है कि वह डकैत हैं इसी कारण से टीम पर हमला कर दिया. शेओपुर डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर प्रकाश वर्मा ने कहा आशा (चीता) पर जीपीएस ट्रैकर लगाया हुआ था. टीम के 6 लोग रात के वक्त बुराखेड़ा की ओर जा रहे थे. इस दौरान गांव वालों ने सोचा वह डकैत और जानवर चुराने वाले हैं. गांव वालों ने उनपर फायर किया, ताकि टीम को खदेड़ा जा सके. टीम उनके टारगेट फायर के बाहर थी. लेकिन इसके बाद गांव वालों ने उन पर हमला कर दिया.

मामले में एफआईआर दर्ज

अधिकारी ने जानकारी दी कि गांव वालों ने टीम पर पत्थरबाजी की. टीम में सभी ने खाकी डुंगरी पहनी थी. जिसकी वजह से उन्होंने टीम के मेंबर्स को डकौत समझा. इस दौरान उन्होंने गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया. टीम में से चार लोग अस्पताल में भर्ती हैं. उनकी कंडीशन क्रीटिकल नहीं है. पुलिस ने इस मामले में आईपीसी के धारा 353 के तकत 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

नाम न छापने की शर्त पर एक वन रक्षक ने कहा, 'राज्य सरकार का दावा है कि स्थानीय लोगों को चीता परियोजना के बारे में जागरूक किया गया है, लेकिन 20 किमी के दायरे में भी ये हमले हो रहे हैं. वन विभाग की टीम ने शिनाख्त का प्रयास किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. राज्य सरकार को अपने जागरूकता अभियान को तेज करने और ट्रैकिंग टीमों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था करने की जरूरत है.

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