सरकार ने लॉन्च किया ‘भारत राइस’, 29 रुपये किलो की रेट पर मिलेगा चावल, फूड मिनिस्टर 'कर्तव्य पथ' पर करेंगे पेशकश
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सरकार ने लॉन्च किया ‘भारत राइस’, 29 रुपये किलो की रेट पर मिलेगा चावल, फूड मिनिस्टर 'कर्तव्य पथ' पर करेंगे पेशकश

Bharat Rice: पिछले एक साल में चावल की खुदरा कीमतों में 15 फीसद की वृद्धि  हुई है. सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मंगलवार, 5 फरवरी को 29 रुपये प्रति KG की रियायती दर पर ‘भारत चावल’ बाजार में उतारेगी. 

सरकार ने लॉन्च किया ‘भारत राइस’, 29 रुपये किलो की रेट पर मिलेगा चावल, फूड मिनिस्टर 'कर्तव्य पथ' पर करेंगे पेशकश

Bharat Rice: बढ़ती महंगाई के बीच केंद्र सरकार से एक राहत देने वाली खबर आई है. चावल के दमों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार बाजार में 29 रूपये प्रति किलो के किफायती दामों पर बाजार में उतारेगी. बाजार में चावल  किलो और 10 किलो के पैक में उपलब्ध होगा.

दरअसल, पिछले एक साल में चावल की खुदरा कीमतों में 15 फीसद की वृद्धि  हुई है. सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मंगलवार, 5 फरवरी को 29 रुपये प्रति KG की रियायती दर पर ‘भारत चावल’ बाजार में उतारेगी. सब्सिडी वाला ‘भारत चावल’ पांच किलो और 10 किलो के पैक में उपलब्ध होगा. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि फूड मिनिस्टर पीयूष गोयल ( Piyush Goyal ) राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ ( Kartvya Path ) पर 'भारत चावल' की पेशकश करेंगे.  

पांच किलो और 10 किलो के पैक में होगा उपलब्ध
पहले फेज में फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इडिया (FCI) दो सहकारी समितियों, नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) के साथ-साथ खुदरा श्रृंखला सेंट्रल स्टोर को 5 लाख टन चावल मुहैया कराएगा. दोनों एजेंसियां चावल को पांच किलो और 10 किलो में पैक करेंगी और ‘‘भारत’’ ब्रांड के तहत अपने सेल्स सेंटर के जरिए से खुदरा बिक्री करेंगी.

सरकार को यह है उम्मीद
चावल को ई-कॉमर्स मंच के माध्यम से भी बेचा जाएगा.  मुक्त बाजार बिक्री योजना (OMMS) के जरिए से समान दर पर थोक उपयोगकर्ताओं को चावल की बिक्री को मिली ठंडी प्रतिक्रिया के बाद सरकार ने FCI चावल की खुदरा बिक्री का रास्ता चुना है.  सरकार को उम्मीद है कि ‘‘भारत चावल’’ के लिए भी अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी, जैसा कि उसे ‘‘भारत आटा’’ के मामले में मिल रहा है, जिसे समान एजेंसियों के माध्यम से 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा है और ‘‘भारत चना’’ को 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा है.

एक्सपोर्ट पर बैन और साल 2023-24 में बंपर उत्पादन के बावजूद खुदरा कीमतें अब भी कंट्रोल में नहीं आई हैं.  सरकार ने जमाखोरी रोकने के लिए खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रसंस्करणकर्ताओं (Processors ) और बड़ी खुदरा श्रृंखलाओं से अपने स्टॉक का खुलासा करने को कहा है.

एक्सपर्ट ने कहा
वहीं, इस मामले के एक्सपर्ट ने कहा कि ऐसे वक्त में जब सरकार 80 करोड़ गरीब राशन कार्ड धारकों को फ्री FCI चावल मुहैया करती है, इससे ज्यादा महंगाई एफसीआई चावल में नहीं हो सकती, क्योंकि FCI के पास भारी स्टॉक है और वह OMMS ( On-line Management & Monitoring System ) के जरिए से अनाज बेचता है.  इसलिए मुद्रास्फीति संभवतः चावल की गैर-एफसीआई किस्मों से आ रही है, जिसका गरीबों द्वारा कम उपभोग किया जाता है और यह मुद्रास्फीति के रुझान के बारे में सही तस्वीर नहीं देता है.

 

 

 

 

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