नाबालिग से रेप के आरोपी डीएसपी ने किया सरेंडर, कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा
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नाबालिग से रेप के आरोपी डीएसपी ने किया सरेंडर, कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

Bihar News: निलंबित डीएसपी कमला कांत प्रसाद को गया कि एक कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पूर्व अफसर पर एक नाबालिग लड़की से रेप करने का इल्जाम है.

 

नाबालिग से रेप के आरोपी डीएसपी ने किया सरेंडर, कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

Gaya News: बिहार के गया जिले की एक अदालत ने एक निलंबित पुलिस उपाधीक्षक (DySP) को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. डीएसपी के ऊपर साल 2017 में एक दलित लड़की से कथित तौर पर रेप करने क इल्जाम है. निलंबित डीएसपी कमला कांत प्रसाद ने कोर्ट में सरेंडर किया था.

एक अफसर के बयान के मुताबिक,"सस्पेंडेड डीएसपी (हेडक्वार्टर) कमला कांत प्रसाद ने मंगलवार को गया में पॉस्को कोर्ट के स्पेशल सेशन जज अतिशर कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया." अब अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई की अगली तारीख 1 मार्च तय की है.

पॉस्को कोर्ट ने निलंबित डीएसपी की बेल पिटीशन खारिज करने के बाद स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सुनील कुमार ने कहा, "कमला कांत प्रसाद  पर साल 2017 में गया में अपने आधिकारिक आवास पर एक नाबालिग दलित लड़की के साथ रेप करने का इल्जाम है. लड़की के परिवार ने 27 मई, 2021 को महिला पुलिस स्टेशन में डीएसपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था और तब से पूर्व डीएसपी गिरफ्तारी से बच रहे थे." 

पुलिस ने कहा
एक पुलिस ने अफसर ने अपने बयान में कहा कि कमला कांत प्रसाद को 2021 में सर्विस से सस्पेंड कर दिया गया था. उन्होंने कहा, "  तत्कालीन डीएसपी (मुख्यालय) ने अपने आधिकारिक आवास पर एक नाबालिग लड़की से  यौन उत्पीड़न किया था."

कोर्ट ने वारंट किया था जारी 
मुल्जिम कमला कांत जब अदालत में पेश नहीं हुए तो POCSO कोर्ट ने 8 अक्टूबर 2021 को उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया. इसके बाद मुल्जिम को भगोड़ा मानते हुए साल 2023 में गया के सिविल लाइन थाने में लोक सेवक अधिनियम ( Public Servants Act ) के तहत एक और मामला दर्ज किया गया. हालांकि, बाद में इस मामले को अपराध अनुसंधान विभाग (कमजोर वर्ग) को ट्रांसफर कर दिया गया.

इन धाराओं में हुई है कार्रवाई
पीड़िता के बयान के बुनियाद पर  CID ने मुल्जिम डीएसपी के खिलाफ IPC की धारा 376, SC/ST अधिनियम और पोक्सो अधिनियम और दूसरे धाराओं के तहत चार्ज शीट दायर किया. आरोप पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि मुल्जिम फरार है. हालांकि, इसके बाद पूर्व डीएसपी ने राहत के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. आखिरकार 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने मिल्जिम को 15 दिनों के भीतर पॉस्को कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया. 

 

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