Bahraich Violence: बहराइच में हुई हिंसा के बाद सरकार के बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह घर कई साल पुराने हैं.
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Bahraich Violence: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बहराइच हिंसा मामले में तीन आरोपियों की संपत्तियां गिराने के उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. इस मामले की सुनवाई बुधवार को होगी.
न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कहा, "आप इस अदालत के जरिए पारित आदेशों से अवगत हैं. यदि वे (उत्तर प्रदेश सरकार) इन आदेशों का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहते हैं, तो यह उनकी पसंद है."
सुप्रीम कोर्ट ने पब्लिक रोड्स, फुटपाथों, रेलवे लाइनों या जल निकायों पर अतिक्रमण से जुड़े मामलों को छोड़कर, बिना इजाजत के पूरे देश में तोड़फोड़ पर रोक लगा दी है. 1 अक्टूबर को टॉप कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों द्वारा गैरकानूनी बुलडोजर से की गई तोड़फोड़ को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
पिछले हफ़्ते, पीडब्ल्यूडी ने बहराइच जिले के एक गांव में धार्मिक जुलूस के दौरान संगीत बजाने को लेकर हुई सांप्रदायिक हिंसा में शामिल तीन लोगों को ध्वस्तीकरण नोटिस जारी किया था. इस दौरान राम गोपाल मिश्रा (22) नाम के एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि यह प्रोपर्टी 10-70 साल पुरानी हैं और आरोप लगाया कि प्रस्तावित विध्वंस कार्रवाई दंडात्मक है. उन्होंने कहा कि सरकार का "अनधिकृत निर्माण" का दावा केवल विध्वंस पर सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश को अवैध रूप से मात देने का एक बहाना मात्र है. अधिवक्ता सीयू सिंह ने कहा, "यह आपके आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है."