Myths About Nehru: नेहरू इतिहास के ऐसे नेता रह चुके हैं, जिनके बारे में आज सबसे ज्यादा झूठ बोला जाता है. आज हम आपको ऐसे ही 10 झूठ बताने वाले हैं तो नेहरू के बारे में बोल जाते हैं.
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Myths About Nehru: आज बाल दिवस है, जिसे नेहरू जयंती के तौर पर भी जाना जाता. नेहरू के बारे में जितने झूठ बोले गए, शायद ही इतिहास का कोई ऐसा नेता होगा, उसके बारे में बोले गए हों. आज हम आपको ऐसे 10 झूठ बताने वाले हैं.
सच्चाई: नेहरू ने अपनी आत्मकथा में यह साफ किया है. कोई कैसे हर रोज पैरिस से कपड़े धुला सकता है. वह लिखते हैं जब देश ऐसी गुरबत और बुरे हालाच में हो तो ऐसा सोचना भी अय्याशी है.
सच्चाई: नेहरू भगत सिंह से मिलने गए, रिहाई की कोशिश की. चंद्रशेखर भी उनके संपर्क में थे.
सच्चाई: जिस दिन संविधान सभा में धारा 370 पास हुई, उस वक्त नेहरू अमेरिका मे थे. सरदार पटेल ने अपने दम पर कांग्रेसी संविधान सभा मेंबर्स को साझा कर बिना बहस के धारा 370 पास कराई थी. हालांकि, इस दौरान श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसका विरोध किया था.
सच्चाई: पंडित नेहरू और सुभाष चंद्र बोस एक सच्चे दोस्त थे. जब बोस की मौत हो गई तो सरदार पटेल और नेहरू ने उनकी पत्नी और बेटी को छिपकर आर्थिक सहायता पहुंचाई थी, जो काफी लंबे वक्त तक जारी रही. इसी मदद को आज जासूसी शब्द से फेमस किया जाता है.
सच्चाई: 1935 के बाद महात्मा गांधी ने कहा था कि नेहरू उनके उत्तराधिकारी है. 937 और 1946 के चुनाव में नेहरू जनता की पहली पसंद थे. इसलिए उन्हे पीएम बनाया. 1950 में पटेल का निधन हो गया.
सच्चई: पाक की मांग उठी तो नेहरू को डर हुआ कि मुस्लिम बहुल होने की वजह से कश्मीर पाकिस्तान में जा सकता है, इसलिए उन्होंने ने शेख अब्दुल्ला के जरिए कश्मीर की जनता को कांग्रेस के साथ किया. यह पंडित की कूटनीति थी कि आज कश्मीर भारत का हिस्सा है.
सच्चाई: सच्चाई इसके बिलकुल उलट है. कश्मीर मामले में नेहरू शेख अब्दुल्लाह से बात कर रहे थे वहीं पटेल राजा हरि सिंह से बातचीत कर रहे थे. कश्मीर का माला दोनों लोगों का ज्वाइंट मिशन था.
सच्चाई: यह पूरी तरह से फर्जी दावा है. सच्चाई यह है कि पंडित नेहरू ने लाल किले में बंद आजाद हिंद फौज के सिपाहियों का मुकदमा एक वकील की हैसियत से लड़ा और सारे कमांडरों और सैनिकों की रिहाई कराई.
सच्चाई: पंडित नेहरू सबसे पहले अपना उत्तराधिकारी जयप्रकाश नारायण को बनाया था और उसके बाद राम मनोहर लोहिया को बनाना चाहते थे, लेकिन दोनों नेता इसके लिए तैयार नहीं हुए. नेहरू जी के बाद उनके सबसे विश्वस्त लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने. नेहरु जी ने इंदिरा जी को प्रधानमंत्री नहीं बनाया,
सच्चाई: पंडित नेहरू के जिंदगी में भारत के लिए यूएन से ऐसा कभी कोई प्रस्ताव आया ही नहीं. ताइवान की जगब चीन को यूएन सी मेंबरशिप मिलनी थी जो उसे पहले से ही हासिल थी.
Disclaimer: ये जानकारी पत्रकार और लेखक पीयूष बबेले की किताब ' पंडित नेहरू मिथ्य और सच्चाई ' से ली गई है.