Turkey News: तुर्किये ने अपने यहां 33 इजरायली जासूसों को हिरासत में लिया है. तुर्किये अभी भी 13 संदिग्धों की तलाश कर रहा है. तुर्किये का कहना है कि वह अपने यहां हमास पर हमला करने के लिए इजरायल को इजाजत नहीं देगा.
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Turkey News: तुर्किये के अधिकारियों ने इजराइल के लिए जासूसी करने के संदेह में 33 लोगों को हिरासत में लिया है. अफसर अब भी 13 उन अन्य लोगों की तलाश कर रहे हैं जिनके बारे में समझा जाता है कि उनके संबंध इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद से हैं. अंकारा ने पहले ही चेतावनी दी है कि वह इज़राइल को तुर्किये की सीमाओं के अंदर हमास पर हमला करने की इजाजत नहीं देगा.
इसलिए हुई भर्ती
अनादोलु के मुताबिक इन संदिग्धों को कथित तौर पर तुर्किये में रहने वाले फलस्तीनियों के साथ-साथ उन लोगों की जासूसी करने के लिए भर्ती किया गया था जो इजराइली सरकार का विरोध करते हैं. खबर के मुताबिक इजरायली अफसरों ने कथित तौर पर सोशल मीडिया के जरिए इन संदिग्धों से राब्ता किया था.
इन लोगों को हिरासत में लिया गया
एजेंसी ने बताया कि संदिग्धों को कथित तौर पर ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाने के लिए हिरासत में लिया गया था, जिसमें तुर्किये में रहने वाले विदेशी नागरिकों की "टोही" और "पीछा करना, हमला करना और अपहरण करना" शामिल था. आंतरिक मंत्री अली येरलिकाया ने सोशल मीडिया पर कहा, "हम कभी भी अपने देश की राष्ट्रीय एकता और एकजुटता के खिलाफ जासूसी गतिविधियों की इजाजत नहीं देंगे."
हर जगह से हमास को मिटाने की कोशिश
अनादोलु ने न तो संदिग्धों के बारे में जानकारी दी, न ही उन विदेशियों के बारे में, जिन्हें कथित तौर पर निशाना बनाया गया था. यह रिपोर्ट इज़राइल की घरेलू सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख शिन बेट के एक ऑडियो रिकॉर्डिंग में यह कहने के बाद आई है कि उनका संगठन लेबनान, तुर्किये और कतर सहित "हर जगह" हमास को खत्म करने के लिए तैयार है.
तुर्किये ने दी चेतावनी
तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इज़राइल को चेतावनी दी कि अगर वह तुर्की की धरती पर हमास के अधिकारियों पर हमला करने की धमकी पर आगे बढ़ा तो उसे "गंभीर परिणाम" भुगतने होंगे. कई सालों के तनाव के बाद, तुर्किये और इज़राइल 2022 में रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में आगे बढ़े क्योंकि उन्होंने राजनयिक संबंध फिर से शुरू किए, लेकिन इजराइल-हमास जंग के दौरान रिश्ते बिगड़ गए. तुर्किये गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों के सबसे मजबूत आलोचकों में से एक बन गया. दोनों ने एक दूसरे के यहां से अपने राजदूत भी बुला लिए.