Sheikh Hasina: शेख हसीना पांच अगस्त से भारत में हैं. वह बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के चलते अवामी लीग की 16 साल पुरानी सरकार के पतन के बाद ढाका छोड़कर भारत पहुंची थीं. इस बीच शेख हसीना के बेटे ने गंभीर इल्जाम लगाए हैं.
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Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे संजीब वाजिद ने मोहम्मद यूनुस नीत अंतरिम सरकार पर अवामी लीग के नेताओं के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के लिए न्यायपालिका का दुरुपयोग करने का इल्जाम लगाया. वाजिद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक लंबे पोस्ट में ये आरोप ऐसे समय में लगाए हैं, जब अंतरिम सरकार ने दो दिन पहले कहा था कि उसने नयी दिल्ली को राजनयिक पत्र भेजकर हसीना को भारत से बांग्लादेश प्रत्यर्पित करने की मांग की है.
शेख हसीना के खिलाफ वारंटी जारी
शेख हसीना पांच अगस्त से भारत में हैं. वह बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के चलते अवामी लीग की 16 साल पुरानी सरकार के पतन के बाद ढाका छोड़कर भारत पहुंची थीं. बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने ‘‘मानवता और नरसंहार के खिलाफ अपराधों’’ के लिए हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों तथा सैन्य एवं असैन्य अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.
वाजिद ने मंगलवार को एक पोस्ट में कहा, ‘‘यूनुस नीत अनिर्वाचित सरकार की ओर से नियुक्त न्यायाधीशों और अभियोजकों ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के माध्यम से हास्यास्पद सुनवाई प्रक्रिया का संचालन किया, जो इसे एक राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बनाता है, जिसमें इंसाफ को छोड़ दिया गया और अवामी लीग नेतृत्व को सताने के लिए एक और हमला किया गया.’’
यूनुस ने सरकार पर हमला बोला
वाजिद अमेरिका में रहते हैं. वह हसीना सरकार में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के सलाहकार पद पर तैनात थे. उन्होंने कहा, ‘‘कंगारू न्यायाधिकरण की स्थापना और उसके बाद प्रत्यर्पण का अनुरोध ऐसे समय में किया गया है, जब सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं की न्यायेतर हत्या की जा रही है, उन पर हत्या के संगीन इल्जाम लगाए जा रहे हैं, कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा हजारों लोगों को अवैध रूप से कैद किया जा रहा है और शासन की अनदेखी के कारण हर रोज लूटपाट, तोड़फोड़ व आगजनी सहित हिंसक घटनाएं हो रही हैं.’’
हसीना वापस आए- बांग्लादेशी विदेश मंत्री
भारत ने सोमवार को नई दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त से एक राजनयिक पत्र प्राप्त होने की पुष्टि की थी, लेकिन इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि के प्रावधानों के मुताबिक, अगर अपराध ‘राजनीतिक स्वरूप’ का है, तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है. बांग्लादेश के अघोषित विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने कहा कि ढाका चाहता है कि हसीना वापस आएं और न्यायिक प्रक्रिया का सामना करें.