भारत से दोस्ती करना चाहता है पाकिस्तान, नवाज शरीफ ने कहा- अतीत को भुलाना होगा...
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भारत से दोस्ती करना चाहता है पाकिस्तान, नवाज शरीफ ने कहा- अतीत को भुलाना होगा...

Pakistan News: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने पाकिस्तान गए थे. हालांकि सम्मेलन के दौरान भारतीय और पाकिस्तानी विदेश मंत्रियों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई. इस बीच पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने बड़ा बयान दिया है.

भारत से दोस्ती करना चाहता है पाकिस्तान, नवाज शरीफ ने कहा- अतीत को भुलाना होगा...

Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को पुरानी बातों को भूलकर अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए. शरीफ की इस टिप्पणी को विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस सप्ताह इस्लामाबाद यात्रा के बाद भारत से रिश्तों को सुधारने की पहल के रूप में देखा जा रहा है.

भारतीय पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में तीन बार पीएम रह चुके और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष ने जयशंकर की यात्रा को ‘अच्छी शुरुआत’ बताया और उम्मीद जतायी कि दोनों पक्ष सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़ेंगे. दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लाहौर की अचानक यात्रा की सराहना करते हुए शरीफ ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों में ‘‘लंबे समय से जारी ठहराव’’ से खुश नहीं हैं और उम्मीद जतायी कि दोनों पक्षों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए.

पड़ोसियों को नहीं बदला जा सकता 
नवाज ने कहा, ‘‘हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते, न ही पाकिस्तान और न ही भारत. हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए.’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या दोनों देशों के बीच ‘सेतु’ बनाने की आवश्यकता है, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं यही भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा हूं." जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए करीब 24 घंटे की यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे. दोनों देशों के संबंधों में जारी तनाव के बीच पिछले नौ सालों में भारत के विदेश मंत्री का पाकिस्तान का यह पहला दौरा था.

पीएम नरेंद्र मोदी का किया जिक्र
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज ने कहा, ‘‘चीजें इसी तरह आगे बढ़नी चाहिए. हम चाहते थे कि पीएम नरेन्द्र मोदी आएं, लेकिन यह अच्छा हुआ कि भारतीय विदेश मंत्री आए. मैंने पहले भी कहा है कि हमें अपनी बातचीत के क्रम को आगे बढ़ाना चाहिए. हमने 70 साल इसी तरह (लड़ाई करते हुए) बिताए हैं और हमें इसे अगले 70 सालों तक नहीं चलने देना चाहिए. हमने (पीएमएल-एन की सरकारों ने) इस रिश्ते को चलने देने के लिए कड़ी मेहनत की है. दोनों पक्षों को बैठकर चर्चा करनी चाहिए कि आगे कैसे बढ़ना है.’’

एससीओ सम्मेलन के दौरान भारतीय और पाकिस्तानी विदेश मंत्रियों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई. हालांकि, पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जयशंकर की यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में लंबे समय से जमी बर्फ पिघली है. नवाज शरीफ ने जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा को एक अच्छी ‘‘शुरुआत’’ बताया. 

अतीत को भुला दें दोनों देश- पूर्व पीएम
शरीफ ने कहा, ‘‘हमें अतीत में नहीं जाना चाहिए और भविष्य की तरफ देखना चाहिए. बेहतर होगा कि हम अतीत को दफना दें ताकि हम दोनों देशों के बीच के अवसरों का इस्तेमाल कर सकें. मैं रिश्तों में आई रुकावट से खुश नहीं हूं. मैं पाकिस्तान के उन लोगों की ओर से बोल सकता हूं जो भारत के लोगों के लिए सहानुभूति रखते हैं और मैं यही बात भारत के लोगों के लिए भी कहूंगा.’’

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की यात्रा का किया जिक्र
पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करने की वकालत की और ​​कहा कि अगर दोनों टीम पड़ोसी देश में किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में खेलती हैं तो वह भारत की यात्रा करना चाहेंगे। शरीफ ने दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक संबंधों के महत्व पर भी जोर दिया. शरीफ ने 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर यात्रा को भी याद किया और कहा ‘‘उन्हें आज भी लाहौर घोषणापत्र और उस समय उनके शब्दों के लिए याद किया जाता है. मैं उस यात्रा के वीडियो देखता हूं और सुखद यादों को महसूस करके बहुत अच्छा लगता है.’’

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