सोहैल के साथ लिव-इन में रहना चाहती है राधिका; HC ने कहा- 'टाइम पास'
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सोहैल के साथ लिव-इन में रहना चाहती है राधिका; HC ने कहा- 'टाइम पास'

UP News: याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उसकी उम्र 20 साल से ज्यादा है और बालिग होने के नाते उसे अपना भविष्य तय करने का पूरा अधिकार है. वहीं लड़की ने कहा, "उसने लड़के को अपने लवर के रूप में चुना है, जिसके साथ वह लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहती है.

सोहैल के साथ लिव-इन में रहना चाहती है राधिका; HC ने कहा- 'टाइम पास'

UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने अंतर-धार्मिक (अलग-अलग मजहब के मानने वाले) जोड़े के 'लिव-इन' रिलेशनशिप को 'टाइमपास' की संज्ञा दी है. कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा, "ऐसे रिश्ते स्थाई नहीं होते है. जब तक ये जोड़ा इस रिश्ते को शादी के जरिए कोई नाम देने को तैयार न हो, इसे हिफ़ाज़त देने का आदेश नहीं दिया जा सकता."   

कोर्ट ने कहा, "जिंदगी फूलों की सेज नहीं, बहुत कठिन और मुश्किल है." हाईकोर्ट ने दख़्लअंदाजी करने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी. दरअसल, सोहैल खान और राधिका लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं. दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं. दोनों ने कोर्ट में याचिका दायर कर लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की मांग करते हुए कोर्ट से सुरक्षा की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति एमएएच इदरीसी की खंडपीठ इस मामले की सुनावई कर रही थी. 

इसमें से एक सोहैल के चचेरे भाई अहसान फिरोज ने कोर्ट में हलफनामा देकर याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में कहा गया था कि दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं. इसलिए अपहरण के इल्जाम में बुआ के जरिए मथुरा के रिफाइनरी थाने में दर्ज FIR को रद्द किया जाए और गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए पुलिस संरक्षण दिया जाए.

हाईकोर्ट ने कहा, "हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी है. लेकिन, दो महीने की वक्त में और वह भी 20-22 साल की उम्र में जोड़े इस प्रकार के अस्थायी रिश्ते पर शायद ही गंभीरता से विचार कर पाएंगे."

न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति एमएएच इदरीसी की खंडपीठ ने कहा, "कोर्ट का मानना है कि इस प्रकार के रिश्ते में स्थिरता और ईमानदारी की तुलना में लगाव ज्यादा है, जब तक जोड़े शादी करने का फैसला नहीं करते हैं और अपने रिश्ते को नाम नहीं देते हैं या वे एक-दूसरे के प्रति ईमानदार नहीं होते हैं, तब तक कोर्ट इस प्रकार के रिश्ते में कोई राय व्यक्त करने से बचेगी." 

इसपर याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उसकी उम्र 20 साल से ज्यादा है और बालिग होने के नाते उसे अपना भविष्य तय करने का पूरा अधिकार है. वहीं लड़की ने कहा, "उसने लड़के को अपने लवर के रूप में चुना है, जिसके साथ वह लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहती है."

Zee Salaam

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