Asaduddin Owaisi on CAA Imposed: नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. जिसके बाद सीएए कानून देश भर में लागू हो गया है. इस बीच AIMIM चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है.
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Asaduddin Owaisi on CAA Imposed: केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. जिसके बाद सीएए कानून देश भर में लागू हो गया है. इस बीच AIMIM चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले इलेक्शन का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे.
मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है बीजेपी
उन्होंने आगे कहा कि नागरिक संशोधन कानून पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं. सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है, जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था.
मैं सीएए के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन....
इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें, लेकिन नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए. सरकार को बताना चाहिए कि उसने इन नियमों को पांच साल तक क्यों लंबित रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है. एनपीआर-एनआरसी के साथ, सीएए का उद्देश्य केवल मुसलमानों को लक्षित करना है, इसका कोई दूसरे उद्देश्य नहीं है.
Aap chronology samajhiye, pehle election season aayega phir CAA rules aayenge. Our objections to CAA remain the same. CAA is divisive & based on Godse’s thought that wanted to reduce Muslims to second-class citizens.
Give asylum to anyone who is persecuted but citizenship must…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 11, 2024
लोगों को सड़कों पर उतरना होगा
लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएए एनपीआर और एनआरसी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे भारतीयों के पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.
2019 में किया गया था संशोधन
साल 2019 में मोदी सरकार रिपीट होने के बाद केंद्र सरकार ने सीएए में सेशोधन किया था. इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई, सिख और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था. इसमें नागरिकता देने का अधिकार सिर्फ भारत सरकार के हाथों में होगा.