मुस्लिम बाप-बेटे ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए बनाई मूर्तियां, पेश की भाईचारे की मिसाल
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मुस्लिम बाप-बेटे ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए बनाई मूर्तियां, पेश की भाईचारे की मिसाल

Ram Mandir: अयोद्धया में राम मंदिर बनाने के लिए दो मुस्लिम लोगों ने काम किया है. दोनों का ताल्लुक 24 परगना से है. वह दोनों मूर्ति बनाकर काफी खुश हैं.

मुस्लिम बाप-बेटे ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए बनाई मूर्तियां, पेश की भाईचारे की मिसाल

Ram Mandir: अयोद्धया में राम मंदिर तकरीबन बन कर तैयार हो गया है. इस मंदिर के परिसर में भगवान राम की मूर्ती स्थापित होगी. इस मूर्ती को दो मुस्लिम मूर्तिकारों ने तैयार किया है. जिन मुस्लिम लोगों ने मूर्ती तैयार की है, उनके नाम जमालुद्दीन और बिट्टू हैं. दोनों बाप-बेटे हैं. जमालुद्दीन का कहना है कि मजहब बहुत ही निजी मामाला है. देश की तरक्की के लिए हिंदू-मुसलमान को मिलकर काम करना चाहिए. 

मुर्तिकारों ने क्या कहा?
जागरण ने जमालुद्दीन के हवाले से लिखा है कि "भगवान राम की मूर्तियां तैयार कर मुझे काफी खुशी हो रही है. मैंने अपनी कलाकारी के जरिए भाईचारे की संस्कृति पेश की है." बिट्टू के मुताबिक "इस तरह की मूर्ति तैयार करने में एक से डेढ़ महीने का समय लग जाता है. मिट्टी की तुलना में फाइबर की मूर्ति तैयार करने में लागत ज्यादा आती है. लेकिन काफी दिनों तक चलती हैं. इन पर मौसम का असर भी कम पड़ता है."

पश्चिम बंगाल से हैं मूर्तिकार
दोनों मूर्तिकारों का ताल्लुक पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना से है. उन्होंने बताया कि उन्हें एक मूर्ति बनाने के लिए 2.80 लाख रुपये दो दूसरी के लिए 2.50 लाख रुपये मिले हैं. इन मूर्तियों की ऊंचाई 17 फीट है. इन मूर्तियों को मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा. जमालुद्दीन का कहना है कि उनका काम देखकर उनसे मूर्ति बनाने के लिए संपर्क किया गया. 

अगले साल होगा उद्घाटन
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के अयोद्धया में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. अगले साल 22 जनवरी को राम मंदिर का अभिषेक व प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसके बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद ये मंदिर आम लोगों के लिए खुल जाएगा. यह गौरतलब है कि जहां राम मंदिर बनाया जा रहा है, वहां पहले बाबरी मस्जिद थी. दावा है कि इससे पहले इस जगह पर मंदिर था. इस पर कई दिनों से विवाद चल रहा था. आखिर में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद इस जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हुआ है. 

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