सपा नेता अबू आजमी ने मुसलामानों से की ये खास अपील, UCC को बताया इस्लाम के खिलाफ
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सपा नेता अबू आजमी ने मुसलामानों से की ये खास अपील, UCC को बताया इस्लाम के खिलाफ

Maharashtra News: सपा नेता व विधायक अबू आजामी ने कहा हिंदू-मुसलमान के नाम पर नफरत पैदा कर वोट लिया जा रहा है. उन्होंने मुसलमानों से एक खास अपील की है. 

 

सपा नेता अबू आजमी ने मुसलामानों से की ये खास अपील, UCC को बताया इस्लाम के खिलाफ

Maharashtra News: समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष व विधायक अबू आसिम आजमी ने मुसलमानों से खास अपील की है. उन्होंने कुर्ला में आयोजित 'शिकलगार जमात ट्रस्ट' के सालाना सम्मेलन में कहा कि देश के हालात बहुत खराब हैं. इसलिए मुसलमानों को अपने दस्तावेज और सरकारी दस्तावेजों को सही करना बहुत जरूरी है. इसके अलावा मुसलमानों को अपना नाम वोटर लिस्ट में दर्ज कराना चाहिए और यह भी यकीनी बनाना चाहिए कि उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल है या नहीं.  क्योंकि, अगर आपने एक बार भी वोट किया है तो आपका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है, इसलिए जरूरी है कि आप अपना नाम रजिस्टर करा लें और इसकी जांच कर लें.

विधायक आजमी ने कहा कि देश में ऐसी कोई पार्टी नहीं है, जो मुसलमानों को अपने साथ लेकर चलने को तैयार हो. उन्हें पार्टी के मंच पर मुसलमानों को बुलाना मंजूर नहीं है, क्योंकि अगर मुसलमान उनके साथ आएंगे तो गैर-मुस्लिम उनसे दूर हो सकते हैं. इसी वजह से यहां ऐसा माहौल बन गया है कि अच्छे और धर्मनिरपेक्ष हिंदू भी मुसलमानों से दूर जा रहे हैं. संविधान के अस्तित्व और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए हर मुसलमान को वोट देना जरूरी है. ऐसे कैंडिडेट्स को वोट देना जरूरी है जो धर्मनिरपेक्ष हो और जाति-मजहब के नाम पर दंगे न कराता हो.

हिंदू-मुसलमान में नफरत पैदा कर वोट लेने की कोशिश; आजमी
उन्होंने आगे कहा कि आज यह कोशिश हो रही है हिंदू-मुसलमान के नाम पर नफरत पैदा कर कैसे वोट लिया जाए. मुसलमानों का विकास तभी मुमकीन है, जब वे शिक्षा रूपी रत्न से सुसज्जित होंगे. उन्होंने कहा कि इस देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था. औरंगजेब ने शासन किया था. इस देश ने 52 साल तक न्याय किया, लेकिन अब औरंगजेब का नाम लेने पर भी उसे नफरत अभियान में जेल भेजा जा सकता है.

फ्यूचर में नमाज पढ़ने से रोका जा सकता है; आजमी
संविधान की रक्षा के लिए, हमें एजुकेशन पर जोर देना चाहिए. जब हम हाइली क्वालीफाइड होते हैं, तो हम इस देश और कौम का नाम रौशन करेंगे. अगर सियासी शऊर नहीं होगी और सियासी बसीरत नहीं होगी तो उसे फ्यूचर में नमाज पढ़ने से रोका जा सकता है, इसलिए मुसलमानों में सियासी सऊर बहुत जरूरी है.

रिपोर्ट- अमजद खान, मुंबई  

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