Maharashtra News: AIUB की ये मांग राज्य भर में चल रहे मराठा रिजर्वेशन आंदोलनों, धनगरों द्वारा NT (C) से एसटी में वर्गीकरण बदलने की मांग और OBC द्वारा अपने मौजूदा रिजर्वेशन की रक्षा करने की मांग के बीच आई है.
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Maharashtra News: ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड (AIUB) ने शनिवार को महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी है. ये चेतावनी AIUB राज्य में मुस्लिम कम्युनिटी को रिजर्वेशन देने को लेकर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर एजुकेशन में राज्य सरकार 5 फीसदी रिजर्वेशन देने का वादा नहीं करता है, तो यह कम्युनिटी बड़ा आंदोलन शुरू करेगा.
AIUB की ये मांग राज्य भर में चल रहे मराठा रिजर्वेशन आंदोलनों, धनगरों द्वारा NT (C) से एसटी में वर्गीकरण बदलने की मांग और OBC द्वारा अपने मौजूदा रिजर्वेशन की रक्षा करने की मांग के बीच आई है.साथ ही AIUB ने रिजर्वेशन के अलावा राज्य के सभी उर्दू मीडियम स्कूलों में अरबी भाषा की पढ़ाई शुरू करने की भी मांग की.
AIUB के वक्फ इकाई के चीफ सलीम सारंग ने कहा, "कॉन्फ्रेंस में इन सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और मांगों को मानने के लिए सरकार से दरख्वास्त किया जाएगा. साल 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा इलेक्शनों के साथ उन्होंने इनडायरेक्टली चेतावनी जारी की कि यदि मुस्लिम कम्युनिटी इलेक्शनों में किसी खास उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित नहीं कर सकता, तो वे निश्चित रूप से किसी के लिए भी हार का कारण बन सकते हैं. इसलिए वक्त आ गया है कि उनकी अनदेखी करना बंद कर दिया जाए और उनकी मांगों को बहुत गंभीरता लिया जाए”.
5 फीसदी रिजर्वेशन मिलने के बाद भी सरकार उत्सुक नहीं
उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा, "अदालतों द्वारा एकेडमिक क्षेत्र में मुसलमानों के लिए 5 फीसदी रिजर्वेशन को मंजूरी देने के बावजूद भी राज्य की कोई भी सरकार इसे लागू करने के लिए उत्सुक नहीं दिखती है".
इससे पहले, समाजवादी पार्टी के लीडर अबू आसिम आजमी और कई अल्पसंख्यक लीडरों जैसे महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने भी कई मौकों पर मुस्लिम कोटा का मुद्दा उठाया था.
खाड़ी मुल्कों में नौकरियां सुरक्षित; सारंग
उर्दू स्कूल टेक्टसबुक में अरबी भाषा को शामिल करने की मांग पर सारंग ने कहा कि कई लोग इस भाषा से खाड़ी मुल्कों में नौकरियां सुरक्षित करते हैं. इस भाषा का ज्ञान होने से उन्हें अच्छा रोजगार मिलने की संभावना होती है.
सीएम से मांगा वक्त
सारंग ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों पर जोर देने के लिए सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और कई उच्च सरकारी अफसरों से मिलने का वक्त मांगा है.