एक तरफ SC ने कॉलेज में हिजाब बैन पर लगाई रोक, वहीं UP में हिजाब पहनकर आई छात्रा को दिखाया बहार का रास्ता
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2376699

एक तरफ SC ने कॉलेज में हिजाब बैन पर लगाई रोक, वहीं UP में हिजाब पहनकर आई छात्रा को दिखाया बहार का रास्ता

Kanpur News: 12वीं की 3 छात्रा 7 अगस्त की सुबह हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गईं. स्कूल की कुछ छात्राओं ने इसका विरोध किया और क्लास टीचर से शिकायत की, जिसके बाद टीचर ने तीनों छात्राओं से हिजाब हटाने को कहा, लेकिन छात्राओं ने हिजाब हटाने से इनकार कर दिया.

एक तरफ SC ने कॉलेज में हिजाब बैन पर लगाई रोक, वहीं UP में हिजाब पहनकर आई छात्रा को दिखाया बहार का रास्ता

Kanpur News: एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 9 अगस्त को मुंबई के एक कॉलेज ने हिजाब, बुर्का, नकाब और टोपी पर बैन पर रोक लगा दी है. वहीं, उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक लड़की हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई, जहां, तीन लड़कियों को हिजाब उतारने के लिए मजबूर किया गया.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, पूरा मामला बिल्हौर कस्बे में स्थित बिल्हौर इंटर कॉलेज का है. जहां, 12वीं की 3 छात्रा 7 अगस्त की सुबह हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गईं. स्कूल की कुछ छात्राओं ने इसका विरोध किया और क्लास टीचर से शिकायत की, जिसके बाद टीचर ने तीनों छात्राओं से हिजाब हटाने को कहा, जब छात्राओं ने हिजाब हटाने से इनकार कर दिया, तो क्लास टीचर तीनों छात्राओं को प्रिंसिपल के पास ले गईं.

प्रिंसपल ने की बड़ी कार्रवाई
कॉलेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल सुरजीत यादव ने तीनों छात्राओं को निर्धारित ड्रेस में स्कूल आने को भी कहा, जिसके बाद छात्राओं ने कहा कि हमें घर जाना है. हम हिजाब पहनकर ही स्कूल आएंगी, नहीं तो हमारा नाम काट दिया जाए. इसके बाद प्रिंसिपल ने छात्राओं को अनुशासनहीनता मानते हुए उनसे स्कूल के नियमों का पालन न करने का एप्लिकेशन लिखवाया. इसके साथ ही स्कूल में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया. प्रिंसिपल ने क्लास टीचर को तीनों छात्राओं के नाम अलग-अलग सेक्शन में रखने का आदेश जारी किया.

परिजन के साथ पहुंची छात्रा
स्कूल प्रिंसिपल की तरफ से नोटिस छात्राओं के घरवालों को भेजी गई. इस पर तीनों के परिजन भी कॉलेज पहुंचे, जहां, प्रिंसिपल ने उनके सामने भी ड्रेस कोड में स्कूल आने और अनुशासन में रहने की बात दोहराई. स्कूल टीचर नूर इदरीसी के समझाने के बाद परिजनों को बात समझ आ गई. बातचीत के बाद दो छात्राओं ने अपनी गलती स्वीकार कर ली. निर्धारित ड्रेस में स्कूल आना शुरू कर दिया है, लेकिन, एक छात्रा बुधवार को स्कूल नहीं आई. गुरुवार की सुबह वह अपने परिजनों के साथ कॉलेज पहुंची. 

प्रिंसिपल ने दी ये सलाह
मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई. प्रिंसिपल ने छात्रा और उसके परिजनों को समझाते हुए कहा- यहां बात धर्म या मजहब की नहीं है. यहां विषय अनुशासन और एक समान अधिकार का है. स्कूल का एक ड्रेस कोड है. उसी में सभी को आना होगा. वहीं स्कूल प्रिंसिपल ने तीनों छात्राओं और उनके परिजनों को समझाते हुए कहा, अगर हिजाब पहनना ही है, तो स्कूल गेट के बाहर तक बांध कर आ सकती हैं. फिर उसे खोलकर अपने बैग में रख सकती है, जब स्कूल की छुट्टी हो, तो गेट के बाहर जाकर फिर से हिजाब पहन लें, लेकिन, स्कूल में एक समान नियमों में रहकर ही पढ़ाई करनी होगी. इसके बाद तीनों छात्राएं और उनके परिजनों ने प्रिंसिपल की बात मानी.

पुलिस कर रही है जांच
वहीं, हिजाब के मामले में कानपुर जॉइन्ट पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मामले की जांच करवाई जा रही है. इसके पीछे किसका हाथ है इसका भी पता लगाया जाएगा.

Trending news