Ariba Khan Congress: अरीबा खान को कांग्रेस ने ओखल सीट से टिकट दिया है. वह आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मैदान में दिखने वाली हैं. पूरी खबर पढ़ें.
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Ariba Khan Congress: कांग्रेस ने ओखला सीट से आम आदमी पार्टी लीडर अमानतुल्लाह खान के खिलाफ अरीबा खान को टिकट दिया है. बीती शाम ही पार्टी ने अपनी लिस्ट का ऐलान किया है. अरीबा खान पूर्व एमएलए आसिफ मोहम्मद खान की बेटी हैं और वह कालिंदी कुंज में रहती हैं. इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस ओखला के पूर्व विधायक परवेज हाशमी की बहू इशरत जहां को टिकट दे सकती है. इस सीट से बीजे ने मनीष चौधरी को टिकट दिया है.
अरीबा खान, जो वर्तमान में वार्ड अबू फजल एनक्लेव की पार्षद हैं, पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी और बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की भतीजी हैं. उन्होंने दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया से बीएड की डिग्री हासिल की है.
एमसीडी के चुनाव में अरीबा खान ने यहां वाजिद खान को शिकस्त दी थी. जो दर्शाता है कि वह इलाके की एक मजबूत कैंडेडिटे हैं. अरीबा की अभी शादी नहीं हुई है और वह अभी एक सोशल वर्कर के तौर पर जानी जाती हैं.
अरीबा खान अपनी पढ़ाई के दौरान से ही सामाजिक कार्यों में शामिल थीं, तभी उन्हें राजनीति में आने का मौका मिला. अपनी विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि को देखते हुए, अरीबा मानती हैं कि इस प्रक्रिया से परिचित होना फायदेमंद है, लेकिन इससे राजनीति में आगे बढ़ने में मदद नहीं मिलती है.
इस सीट से कांग्रेस ने अरीबा खान को टिकट दिया है. वहीं आम आदमी पार्टी से अमानतुल्लाह खान, बीजेपी से मनीष चौधरी और एआईएमआईएम से शफा उर रहमान चुन लड़ रहे हैं. रहमान दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी हैं.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का अनुमान है कि मुकाबला काफ़ी कड़ा होगा. सत्ता विरोधी लहर के बावजूद अमानतुल्लाह खान ने 2020 के चुनावों में इस सीट से 130,367 वोट हासिल किए थे. जबकि भाजपा के ब्रह्म सिंह को 58,540 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार परवेज़ हाशमी को इस सीट से सिर्फ़ 5,123 वोट मिले थे.
अमानतुल्लाह खान ने पहली बार 2015 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी, उन्होंने आसिफ मोहम्मद खान को 104,271 वोटों से हराया था. उस साल ब्रह्म सिंह को 39,739 वोट मिले थे, जबकि आसिफ मोहम्मद खान को 20,135 वोट मिले थे.
ओखला क्षेत्र की आबादी में 55 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम हैं, इसलिए राजनीतिक गतिशीलता ऐतिहासिक रूप से मुस्लिम उम्मीदवारों के पक्ष में रही है. जानकारों का मानना है कि अरीबा खान का इस दौड़ में शामिल होना अमानतुल्लाह खान के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकता है, क्योंकि दोनों उम्मीदवारों का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं पर मजबूत प्रभाव है.