Patna Serial Blasts 2013: हुंकार रैली 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुई थी. जिसमें 3 लाख लोगों की भीड़ थी. इस बीच सीरियल ब्लास्ट हुआ था. इस हादसे में 6 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले के आरोपियों की फांसी की सजा टल गई है.
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Patna Serial Blasts 2013: पटना सीरियल बम ब्लास्ट को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने कोर्ट के फैसले को पलट दिया है. हाईकोर्ट ने आरोपियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है. जिसके बाद पटना सीरियल बम ब्लास्ट के एक आरोपी को पकड़ने वाले कुली धर्मनाथ यादव ने जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
कौन है धर्मनाथ यादव
सीरियल बम धमाकों में एक बम धमाका पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर हुआ था और धमाका करने वाले आतंकियों में से एक इम्तियाज को पटना जंक्शन पर रहने वाले कुली धर्मनाथ यादव ने पकड़ लिया था. अगर धर्मानाथ यादव ने इम्तियाज को नहीं पकड़ा होता, तो शायद गांधी मैदान ही नहीं बल्कि बोधगया बम ब्लास्ट की घटना का भी पर्दाफाश नहीं हो पाता. इस घटना में कुली धर्मा चश्मदीद गवाह था. जिसके बाद धर्मनाथ यादव को जान से मारने की धमकियां मिलती रहीं, इतना ही नहीं 2016 में उन पर जानलेवा हमला भी हुआ था.
क्यों टल गई आतंकियों की फांसी की सजा
कोर्ट के फैसले के बाद कुली धर्मनाथ यादव काफी आहत हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमने अपनी जान जोखिम में डालकर उसे पकड़ा था, लेकिन जांच एजेंसियों ने पैसे लेकर हमें गवाही नहीं देने दी, जिसकी वजह से उसकी फांसी की सजा टल गई है. उन्होंने कहा कि फांसी की सज़ा सही है, लेकिन इस मामले में जांच एजेंसी ने पैसे लिए हैं. मुझे इम्तियाज़ अंसारी यहाँ शौचालय में पड़ा मिला. मैं गिरफ़्तारी के समय मौजूद था लेकिन मेरी गवाही दर्ज नहीं की गई.
धर्मनाथ यादव ने लगाए गंभीर इल्जाम
धर्मनाथ यादव ने आगे कहा कि मैंने 20 बार अर्ज़ी लिखी लेकिन फिर भी मेरी गवाही दर्ज नहीं की गई. गवाही खारिज होने के बाद हमने एनआईए और विजिलेंस के खिलाफ़ हाईकोर्ट में केस किया है. जांच एजेंसी ने पैसे लिए हैं और इसी वजह से यह केस कमज़ोर हो गया है. जब सही गवाह ही नहीं मिलेगा, तो कोर्ट और जज क्या करेंगे, हमारी गवाही अभी तक दर्ज नहीं हुई है, इन लोगों ने राष्ट्रीय जांच के नाम पर पैसे लिए. मुझे पाकिस्तान से धमकियां मिलीं और मुझे 50 लाख का ऑफर भी मिला, लेकिन मैंने नहीं लिया.
गवाही देने के लिए तैयार हैं धर्मनाथ यादव
उन्होंने कहा कि हमें सुरक्षा दी गई है. जांच एजेंसी ने हमारा केस कमजोर कर दिया है. हम आज भी गवाही देने के लिए तैयार हैं. हमने कोर्ट में हलफनामा और एफिडेविट दिया है कि गवाही नहीं बदलेगी. अब सवाल कहां उठता है कि गवाही बदलेगी? हमने 50 लाख रुपये का ऑफर ठुकरा दिया है. इसमें क्या बदलाव आएगा?
मेरी मौत की जिम्मेदार होंगे डीआरएम और जीएम
धर्मनाथ यादव ने कहा कि मैंने इम्तियाज अंसारी को इसी शौचालय से पकड़ा था और उसकी वजह से सारे आतंकवादी पकड़े गए. हमने कई बार जीएम और डीआरएम को आवास, नौकरी या दुकान देने के लिए आवेदन लिखा है, लेकिन मेरा आवेदन खारिज किया जा रहा है. रेल मंत्री को दोबारा पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी तक पत्र नहीं मिला है. हमारे साथ यह घटना दो बार हो चुकी है. जिस दिन हमारा अपहरण होगा या गोली मारी जाएगी, उसके लिए डीआरएम और जीएम जिम्मेदार होंगे.
क्या है पूरा मामला
तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हुंकार रैली 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुई थी. जिसमें 3 लाख लोगों की भीड़ थी. इस बीच सीरियल ब्लास्ट हुआ था. इस सीरियल ब्लास्ट में 8 से ज्यादा धमाके हुए थे. जिसमें 6 लोगों की मौत हो चुकी थी. जबकि 80 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. घायलों में बीजेपी के कार्यकर्ता भी शामिल थे.