बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए रोजर बिन्नी ने नामांकन दाखिल कर दिया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि वो निर्विरोध यह चुनाव जीत सकते हैं. इस बीच टीएमसी ने बड़ा आरोप लगाया है कि अगर जय शाह सचिव बने सकते हैं तो फिर सौरव गांगुली को क्यों हटाया जा रहा है.
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Sourav Ganguly: 18 अक्टूबर को बीसीसीआई के चुनाव होने जा रहे हैं. अध्यक्ष पद के लिए 1983 की वर्ल्डकप विजेता टीम के मेंबर रोजर बिन्नी ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. वहीं सचिव के पद के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह ने नामांकन दाखिल किया है. इन सभी के निर्विरोध चुने जाने की बात कही जा रही है. रोजर बिन्नी का अगर कामयाब हो जाते हैं तो वो सौरव गांगुली को इस पद से हटना पड़ेगा. इस मुद्दे पर अब सियासत गर्मा गई है, टीएमसी और भाजपा आमने सामने हो गए हैं.
टीएमसी ने कहा कि अगर जय शाह दोबारा सचिव के पद बने रह सकते हैं तो फिर सौरव गांगुली क्यों नहीं? टीएमसी ने कहा कि यह दादा को अपमानित करने की कोशिश हो रही है. क्योंकि वो क्योंकि वह भाजपा में शामिल नहीं हुए. याद रहे कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के वक्त एक खबर तेजी से वायरल हुई थी. जिसमें दावा किया गया था दिग्गज क्रिकेटर सौरव गांगुली भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
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बता दें कि सौरव गांगुली को लेकर कहा जा रहा है कि उन्होंने इस पद पर बने रहने की ख्वाहिश जाहिर की थी. गांगुली ने 11 अक्टूबर को हई बीसीसीआई की मीटिंग में अपनी बात रखी थी. लेकिन उन्हें बताया गया कि बोर्ड के अध्यक्ष पद को दूसरा कार्यकाल देने का चलन नहीं है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हाल ही में बीसीसीआई के संविधान में बदलाव किया गया है. जिसके बाद सौरव गांगुली तीन साल के लिए और अध्यक्ष बने सकते थे. अब उनके हाथ से यह बाजी क्यों निकलती जा रही है इसके जवाब शायद कभी मिलने ही मुश्किल हैं.
सौरव गांगुली को आईपीएल चेयरमैन बनने का ऑफर दिया गया था. जिसको उन्होंने लेने से इनकार कर दिया था. गांगुली ने कहा था कि मैं बीसीसीआई अध्यक्ष रहने के बाद उनकी उप समिति का अध्यक्ष बनना पसंद नहीं करूंगा. जिसके बाद आईपीएल के चेयरमैन का पद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुन धूमल को दिया गया है. फिलहाल इस पद बृजेश पटेल हैं.