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UGC Allow NET score for PhD admission: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने PhD में दाखिला लेने के लिए UGC NET Score को मान्यता देने का फैसला किया है. UGC ने बुधवार को जारी एक नोटिफिकेशन में बताया कि अब अलग-अलग यूनिवर्सिटीज/HEIs द्वारा आयोजित एंट्रेंस एग्जाम के बजाय नेट स्कोर के जरिए स्टूडेंट पीएचडी में एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
दरअसल, NET साल में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित किया जाता है. अभी तक UGC NET अंकों का इस्तेमाल जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और मास्टर डिग्री वाले लोगों के अलावा सहायक प्रोफेसर की भर्ती में किया जाता है. वहीं, यूनिवर्सिटी में PhD कोर्स में दाखिला लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करते हैं. लेकिन अब National Education Policy 2020 के तहत पीएचडी एडमिशन के लिए वन एंट्रेंस एग्जाम (नेट स्कोर) फॉर्मूला लागू करने का फैसला लिया है.
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के अफसरों के मुताबिक, आयोग ने परीक्षा के प्रावधानों की रिव्यू के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था और पैनल की सिफारिशों के बुनियाद पर यह फैसला लिया है कि एकेडमिक सेशन 2024-25 से PhD में दाखिला के लिए नेट स्कोर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
UGC Letter regarding the National Eligibility Test (NET) as an entrance test for admission to Ph.D.
The UGC has decided that from the academic session 2024-25, the NET score can be used for admission to Ph.D. programmes in place of entrance tests conducted by the different… pic.twitter.com/TQHm3Mok3b
— UGC INDIA (@ugc_india) March 28, 2024
यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा, "एकेडमिक सेशन 2024-2025 से शुरू होकर देश भर के यूनिवर्सिटीज में Phd कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए नेट स्कोर का उपयोग करने का अवसर मिलेगा, जो व्यक्तिगत विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) द्वारा आयोजित अलग-अलग एंट्रेंस एग्जाम की आवश्यकता को प्रतिस्थापित करेगा. यह एक अहम कदम है प्रवेश प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और इच्छुक डॉक्टरेट उम्मीदवारों के लिए पहुंच बढ़ाने में."
उन्होंने आगे कहा, "साल में दो बार आयोजित होने वाले नेट का फायदा उठाकर, विश्वविद्यालय छात्रों को ज्यादा लचीलापन प्रदान कर सकते हैं, जिससे वे विभिन्न संस्थानों में पीएचडी कार्यक्रमों के लिए आवेदन करने के लिए किसी भी सेशन से अपने स्कोर का उपयोग कर सकते हैं."
कुमार ने बताया कि यह पहल स्टूडेंट्स को कई तरह से फायदा पहुंचाने के लिए तैयार है. "सबसे पहले, यह छात्रों को अलग-अलग यूनिवर्सिटीज द्वारा आयोजित कई एंट्रेंस के लिए तैयारी करने और उपस्थित होने की आवश्यकता को खत्म करता है, जिससे परीक्षा प्रबंधन और खर्चों का बोझ कम हो जाएगा.
उन्होंने कहा, "हम सभी यूनिवर्सिटीज को 2024-2025 एकेडमिक सेशन से शुरू होने वाले पीएचडी दाखिला के लिए नेट परीक्षा स्कोर अपनाने के लिए लागू करते हैं. यह निस्संदेह हमारे देश में शैक्षणिक खोज और स्कॉलरशिप को आसान करने के लिए एक अच्छा माहौल को बढ़ावा देने में योगदान देगा."
एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन में यूजीसी ने कहा कि जून 2024 से नेट कैंडिडेट्स को को तीन कैटेगरी में पात्र घोषित किया जाएगा. "यूजीसी नेट का रिजल्ट पीएचडी में एंट्रेंस के लिए स्कोर का इस्तेमाल करने के लिए कैंडिडेट द्वारा प्राप्त अंकों के साथ फीसदी में घोषित किया जाएगा. JRF-योग्य छात्रों को यूजीसी (न्यूनतम मानक) के मुताबिक साक्षात्कार के आधार पर पीएचडी कोर्सेस में दाखिला दिया जाता है.
"श्रेणी 2 और 3 में क्वालीफाइंग स्टूडेंट्स को PhD कोर्सेस में एडमिशन के लिए टेस्ट स्कोर के लिए 70 फीसदी और रिटेन के लिए 30 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा. पीएचडी प्रवेश नेट स्कोर और अंकों की संयुक्त योग्यता के आधार पर होगा. साक्षात्कार या मौखिक परीक्षा में प्राप्त,
नोटिफेकेशन में कहा गया है. "श्रेणी 2 और 3 में उम्मीदवारों द्वारा नेट में प्राप्त अंक पीएचडी में प्रवेश के लिए एक साल के लिए मान्य होंगे." UGC नेट जून 2024 के लिए रेजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है.