जून तक बनकर तैयार होगा हिमाचल का पहला स्टील सस्पेंशन तकनीक आधारित 388 मीटर लम्बा ब्रिज
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जून तक बनकर तैयार होगा हिमाचल का पहला स्टील सस्पेंशन तकनीक आधारित 388 मीटर लम्बा ब्रिज

Bilaspur News: जून माह तक हिमाचल प्रदेश का पहला स्टील सस्पेंशन तकनीक आधारित 388 मीटर लम्बा ब्रिज बनकर तैयार होगा. 56 करोड़ की लागत से बन रहा ब्रिज तो कोटधार से झंडूता की करीब 12 किलोमीटर कम हो जाएगी दूरी.

जून तक बनकर तैयार होगा हिमाचल का पहला स्टील सस्पेंशन तकनीक आधारित 388 मीटर लम्बा ब्रिज

Bilaspur News: बिलासपुर जिला के झंडूता उपमंडल के तहत गोविंद सागर झील पर बन रहा नंद नगरांव पुल का कार्य जून महीने तक पूरा हो जाएगा. गौरतलब है कि पनौल-झंडूता-जेजवीं मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड पर बन रहे इस पुल का निर्माण स्टील सस्पेंशन तकनीक से हो रहा है, जिसकी लंबाई 388 मीटर होगी.

वहीं, इस पुल के निर्माण पर 56 करोड़ रुपये खर्च होंगे व हिमाचल में इस तरह का यह पहला पुल होगा. बता दें, कि इस पुल निर्माण पर लगभग 150 मीटर कंक्रीट स्लैब बिछाने का काम पूरा हो चुका है.  इस पुल के निर्माण होने से कोटधार से झंडूता की दूरी तकरीबन 12 किलोमीटर तक कम हो जाएगी. इतना ही नहीं चंडीगढ़ जाने के लिए हमीरपुर और कांगड़ा के लोगों के लिए भी फासला करीब 60 किलोमीटर तक कम हो जाएगा. 

वहीं, जिस गति से इस पुल का निर्माण कार्य चला हुआ है उसे देखते हुए लगता है कि यह पुल जून माह तक ही जनता को समर्पित कर दिया जाएगा. इस पुल के बनने से झण्डूता के लोग केवल बीस या पच्चीस मिनट में ही जेजवी पहुंच जाएंगे.  कोटधार क्षेत्र के लोगों के लिए भी यह पुल मिल का पत्थर साबित होगा. 

इस बात की जानकारी देते हुए झंडूता से भाजपा विधायक जीतराम कटवाल ने कहा कि कोटधार को जोड़ने वाला एक पुल बाघछाल और दूसरा पुल नंद नगरांव प्रदेश के के सबसे महत्वपूर्ण पुलों में से एक है और नंद नगरांव पुल के बनने से कोटधार क्षेत्र से लगभग 12 किलोमीटर दूरी कम हो जाएगी. 

जबकि बाघछाल पुल के निर्माण से चंडीगढ़ व कीरतपुर से झंडूता व हमीरपुर की दूरी 40 से लेकर 100 किलोमीटर तक कम हो गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह पुल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 388 मीटर लम्बा है और इसके निर्माण से झंडूता क्षेत्र से सारे क्षेत्र जुड़ जाएंगे. आजकल इसमें कंक्रीट का काम चला हुआ है और जल्दी ही यह पुल बनकर तैयार होगा. 

वहीं, झंडूता से कांग्रेस नेता विवेक कुमार ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में इस पुल का निर्माण कार्य बहुत ही कम हुआ है और बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि एक बार इसका जो स्ट्रक्चर तैयार किया था. वह भी गिर गया था, इसके बाद हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी और इस पुल के लिए बजट का प्रावधान किया गया.

इसके लिए वह स्थानीय लोगों से साथ मिलकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले और उन्होंने पुल के लिए उसी समय पांच करोड़ रूपये स्वीकृत कर दिये व मुख्यमंत्री ने अश्वासन भी दिया है कि पुल निर्माण के लिए जितना भी पैसा और चाहिए वह दिया जाएगा, जिसके बाद जल्द ही यह पूल बनकर तैयार होगा और जून तक जनता को समर्पित हो जाएगा. 

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि यह नंद नगरांव पुल झंडूता और कोटधार को जोड़ने वाला अहम पुल साबित होगा, जिसका निर्माण कार्य पूरा होने से यहां आवाजाही बढ़ेगी और जनता को भी आने जाने की काफ़ी सहूलियत होगी.

रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर

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