कोर्ट की लापरवाही से गलत कपल का हुआ तलाक, जज ने कहा- 'अब नहीं बदलेगा फैसला'

ब्रिटेन में तलाक से जुड़ा एक अजीबो-गरीब मामला देखने को मिला है. दरअसल यहां की राजधानी लंदन में एक कोर्ट ने गलती से गलत कपल का तलाक कर दिया. यह पूरा वाकया कंप्यूटर में हुई एक गड़बड़ी के कारण हुआ.    

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Apr 17, 2024, 01:55 PM IST
  • कोर्ट ने गलत कपल का करवा दिया तलाक
  • जज ने फैसला बदलने से कि साफ इंकार
कोर्ट की लापरवाही से गलत कपल का हुआ तलाक, जज ने कहा- 'अब नहीं बदलेगा फैसला'

नई दिल्ली: दुनियाभर में तलाक लेने के लिए अलग-अलग प्रक्रिया होती है. कई देशों में तलाक मिलना बेहद आसान होता है तो कहीं ये प्रोसेस बेहद लंबा चलता है. बता दें कि ब्रिटेन में तलाक से जुड़ा एक अजीबो-गरीब मामला देखने को मिला है. दरअसल यहां की राजधानी लंदन में एक कोर्ट ने गलती से गलत कपल का तलाक कर दिया. यह पूरा वाकया कंप्यूटर में हुई एक गड़बड़ी के कारण हुआ.  

गलती से हो गया तलाक 
'BBC' की रिपोर्ट के मुताबिक लंदन बेस्ड एक लॉ फर्म वार्डेग्स ने 21 साल से साथ रहे कपल्स का गलती से तलाक करवा दिया, हालांकि मिस्टर एंड मिसेज विलियम्स कहे जाने वाले ये कपल्स एक दूसरे को तलाक देने के लिए विचार कर रहे थे, लेकिन वे दोनों इससे पहले आर्थिक सेटलमेंट को लेकर बातचीत कर रहे थे. उनका केस वार्डेग्स की ओर से ही हैंडल किया जा रहा था. कपल के कागजात सुनवाई के लिए जमा होने थे, लेकिन एक वकील ने गलती से इन्हें फाइनल ऑर्डर के लिए जमा करवा दिया. ऐसे में सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद क्लर्क ने किसी और कपल के बदले मिस्टर एंड मिसेज विलियम्स की फाइल पर क्लिक किया और जज ने उनके डिवोर्स के फेवर में फैसला सुना दिया. 

फैसला बदलने के लिए हुआ मना 
कपल का तलाक 21 मिनट में ही हो गया. हैरानी की बात ये है कि फैसला सुनाने के बाद सीनियर जज ने इसे बदलने से साफ मना कर दिया. जज का कहना है कि जनता का कोर्ट के फैसले पर विश्वास बेहद जरूरी है. वहीं दूसरी ओर वार्डेग्स के प्रतिनिधि ने बताया कि वकील ने ऑनलाइन पोर्टल पर गलती कर दी, जिससे गलत जोड़े का तलाक हो गया, जो अभी इसके लिए तैयार नहीं था. वहीं लॉ फर्म को भी अपनी इस गलती का एहसास पूरे 2 दिन बाद हुआ, लेकिन जब उन्होंने हाई कोर्ट से इस फैसले को रद्द करने के लिए कहा तो कोर्ट ने इसे रिजेक्ट कर दिया. जज ने कहा कि फाइनल ऑर्डर देने के लिए पोर्टल पर कई स्क्रीन से गुजरना पड़ता है. ऐसे में यह गलती कैसे हो सकती है. 

डिवोर्स लॉयर ने की फैसले की निंदा 
कोर्ट के फैसले को लेकर डिवोर्स लॉयर आयशा वर्डोग का कहना है कि,' राज्य को कंप्यूटर से जुड़ी गलती के आधार पर लोगों को डिवोर्स नहीं देना चाहिए. वहीं जब किसी गलत डिसिजन को कोर्ट के ध्यान में लाया जाता है तो अदालत को भी इसे समझना चाहिए. अगर हमारा कानून कहता है कि कंप्यूटर में हुई गलती से आपका डिवोर्स हो सकता है, तो ये न ही सही है और न ही न्याय है.'   

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़