नई दिल्ली: Russia Ukraine War: स्कूली बच्चों के हाथों में खिलौने और किताब-कलम देखे जाते हैं, लेकिन रूस अपने देश में इन्हें हथियार थमा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस में ब्लैक सी के इलाकों में बच्चों को हथियार चलाना सिखाया जा रहा है. स्कूलों में छात्रों को बम फेंकने और युद्ध लड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही स्कूल के सिलेबस में भी बदलाव किया गया है. बीते महीने ही सरकार ने बच्चों के लिए इतिहास की नई किताब निकाली, इसमें यूक्रेन पर किए गए युद्ध को सही ठहराया गया है.
7-8 साल के बच्चों को दी जा रही ट्रेनिंग
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 7 से 8 साल के बच्चों को मिलिट्री ट्रेनिंग डी जा रही है. फिलहाल ट्रेनिंग का बेसिक लेवल चल रहा है. इसमें हथियारों को चलाना और उन्हें असेंबल करना सिखाया जा रहा है. स्कूलों में बच्चों से आर्मी की वर्दी में परेड करवाई जा रही है, साथ ही परिसर में मॉक ड्रील भी किया जाता है.
क्या है चाइल्ड आर्मी प्लान
कई मानवाधिकार संगठनों ने रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर चाइल्ड आर्मी तैयार करने का आरोप लगाया है. एक अधिकारी ने बताया कि रूस क्रेमलिन पूर्वी यूक्रेन में बच्चों को सैनिकों के तौर पर तैनात करने की रणनीति बना रहा है. पहले भी ऐसी रिपोर्ट्स आ चुकी हैं कि रूस में 16 साल के बच्चों को जबरन आर्मी में भर्ती किया जा रहा है.
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