Imran Khan: न नेता, न सिंबल... फिर भी PTI कैसे जीत रही पाकिस्तान का चुनाव?

Pakistan Election Result: पाकिस्तान के पत्रकार नासिर अब्बास का कहना है कि इमरान को जेल में डालने से जनता में आक्रोश भरा. यही कारण है कि इमरान के पक्ष में वोटिंग हुई. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Feb 9, 2024, 12:44 AM IST
  • जेल से चला इमरान का जादू
  • साइलेंट वोटर्स ने चौंकाया
Imran Khan: न नेता, न सिंबल... फिर भी PTI कैसे जीत रही पाकिस्तान का चुनाव?

नई दिल्ली: Pakistan Election Result: पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी जबरदस्त बढ़त बनाए हुए है. चुनाव से पहले हुए सर्वे भी उनकी लोकप्रियता का आलम बता रहे थे. PML-N के प्रमुख नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. जनता ने उनकी पार्टी के प्रति कुछ खास उत्साह नहीं दिखाया. जेल में रहते हुए भी इमरान के पक्ष में खूब वोटिंग हुई है. पाक के वरिष्ठ पत्रकार नासिर अब्बास (Nasir Abbas) ने पाकिस्तान चुनाव और इमरान की लोकप्रियता पर जी भारत से बातचीत की. चलिए, जानते हैं कि उन्होंने इस Exclusive बातचीत में क्या बताया. 

'25 साल में ऐसा सेंटिमेंट नहीं देखा'
पत्रकार नासिर अब्बास ने पाकिस्तान में 7 आम चुनाव कवर किए हैं. वो कहते हैं कि बीते 25 साल में मैंने पाकिस्तान के वोटर में ऐसी जनभावना (सेंटीमेंट) नहीं देखी. वोटर्स ने इमरान की पार्टी PTI के समर्थित उम्मीदवारों को खूब वोट डाले हैं. आमतौर पर ये देखा जाता है कि जब नेता सामने नहीं होता है तो वोटर असमंजस में होता है. लेकिन इस चुनाव में ऐसा देखने को नहीं मिला. ऐसा लग रहा था मानो वोटर को पता है कि उन्हें PTI और इमरान के खिलाफ हुए जुल्मों का बदला कैसे लेना है.  

'इमरान के पक्ष में हुई साइलेंट वोटिंग'
पूर्व पीएम इमरान खान की लोकप्रियता के बारे में बताते हुए नासिर अब्बास कहते हैं कि वोटर्स उनसे कनेक्ट फील करते हैं. उनकी पार्टी का सिंबल छीन लिया गया, PTI के उम्मीदवारों को प्रचार नहीं करने दिया. कई उम्मीदवारों के नॉमिनेशन ही रद्द कर दिए. इमरान को 34 साल की सजा सुना दी गई. उनकी पत्नी को भी जेल भेज दिया गया. इन सारी बातों ने एक आम वोटर के अंदर गुस्सा भर दिया और उन्होंने इमरान खान के समर्थन में साइलेंट वोटिंग की. यही कारण है कि PTI समर्थित उम्मीदवार चुनावी रुझानों में आगे दिखाई पड़ते हैं. 

'2018 जैसा ही चुनाव, बस चेहरे बदले'
पाकिस्तान में इससे पहले साल 2018 में आम चुनाव हुआ था. नासिर अब्बास बताते हैं कि ये चुनाव भी ठीक वैसा ही दिख रहा है. ऐसा लग रहा है जैसे नाम और चेहरों के अलावा कुछ नहीं बदला. उस दौरान इमरान खान के पास सेना का सपोर्ट था, अब नवाज के पास है. तब नवाज शरीफ जेल में हुआ करते थे, अब इमरान हैं. तब बहुत सारे निर्दलीय उम्मीदवारों को इमरान के पक्ष में लाया गया था और वो देश के प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि, तब भी इमरान की लोकप्रियता कम नहीं थी. दिव्यांग व्हील चेयर पर भी वोट डालने आए थे. नवाज पहले भी तीन बार देश के पीएम रह चुके थे. इसलिए उनके प्रति लोगों में खास उत्साह नहीं था. इस बार भी कुछ ऐसा ही है. 
 
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