Gaza History: 'पृथ्वी का नरक' है हमास के शासन वाला गाजा पट्टी, आपने पहले नहीं पढ़ी होगी इसकी स्याह कहानी!

Gaza Hell On Earth: गाजा एक बार फिर चर्चा में आ गया है. इजरायल और हमास के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद गाजा पट्टी के लोगों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली है. हालांकि, गाजा पट्टी का एक स्याह इतिहास भी रहा है, जिसके कारण इसे पृथ्वी का नरक कहा जाता है.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jan 19, 2025, 08:55 PM IST
  • गाजा में 20 लाख की आबादी
  • बेरोजगारी दर 46% के आसपास
Gaza History: 'पृथ्वी का नरक' है हमास के शासन वाला गाजा पट्टी, आपने पहले नहीं पढ़ी होगी इसकी स्याह कहानी!

नई दिल्ली: Gaza Hell On Earth: इजरायल और हमास के बीच सीजफायर हो गया है. इसके बाद से ही गाजा पट्टी एक बार फिर चर्चा में आ गया है. गाजा शहर में इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू की सेना IDF ने इतनी लाशें बिछा दी हैं कि यह श्मशान बन चुका है. गाजा अक्सर अपने बुरे हालातों को लेकर चर्चा में रहता है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा पट्टी में रह रहे बच्चों के लिए इसे 'पृथ्वी पर नरक' की संज्ञा तक दे दी थी.

गाजा में आबादी इतनी, पैर रखने तक की जगह नहीं
गाजा पट्टी भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित है. इसके दक्षिण पश्चिम में मिस्र और पूर्व एवं उत्तर में इजरायल है. इसकी लंबाई करीब 41 किमी और चौड़ाई केवल 6 से 12 किमी है. गाजा पट्टी की आबादी 20 लाख है. यहां की जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है, ये लगभग 5,000 लोग प्रति वर्ग किमी है.

बच्चों के लिए 'पृथ्वी पर नरक' 
संयुक्त राष्ट्र से जुड़े एंटोनियो गुटेरेस ने अपनी बात को वजनदार बनाने के लिए गाजा को 'पृथ्वी का नर्क' नहीं बताया, बल्कि इसके पीछे कई काले सच हैं. गाजा के हालात से दुनिया के कई मुल्कों की खुशहाल आबादी वाकिफ नहीं है. संयुक्त राष्ट्र की मानें तो गाजा दुनिया के सबसे गरीब इलाकों में से एक है. आप इसे यूं समझें कि यहां पर लोग एक टाइम खाना खा लें, तो दूसरे टाइम के लिए पानी पीकर काम चला लेते हैं.

गाजा क्यों कहलाता है धरती का नर्क?
गाजा पृथ्वी का नर्क क्यों कहलाता है, ये विश्व की तमाम रिपोर्ट्स बताती हैं. यहां पर भुखमरी से लेकर बेरोजगारी तक की समस्या है.

- 2023 में आई विश्व बैंक की रिपोर्ट बताती है कि गाजा में बेरोजगारी दर करीब 46% है. यहां के 60% युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. इससे यहां की आपराधिक दर भी बढ़ती है.

- संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी ने अगस्त 2023 में बताया था कि गाजा में हर पांच में से तीन लोग खाद्य असुरक्षा से पीड़ित हैं. इसका मतलब गाजा के लोगों को भरपेट खाने के लिए भी  जद्दोजहद करनी पड़ती है.

- विश्व बैंक की रिपोर्ट बताती है कि गाजा में बुनियादी ढांचे और चिकित्सा सुविधाओं कमी है. अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण कई मरीजों की इलाज के अभाव में मौत भी हो जाती है.

हमास का शासन नहीं, गाजा की शामत ही आई
गाजा पट्टी के हालात इजरायल से युद्ध होने के बाद से नहीं बिगड़े हैं, ये पहले से ही रसातल में जाता जा रहा था. साल 2007 में फिलिस्तीन में हमास की सरकार बनी, तब से गाजा के हालात अधिक बिगड़े. हमास का शासन आने से  ने इजरायल और मिस्र दोनों ने गाजा को लगने वाली अपने बॉर्डर सील कर दिए. इससे यहां के लोगों की परेशानियां और बढ़ गईं. 2020 की संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि 10 सालों में 16.7 अरब डॉलर की आर्थिक हानि हुई. इलाके में गरीबी भी चार गुना बढ़ गई थी.

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