बकरीद पर कुर्बान जानवरों के चमड़े बेचकर पैसे कमाता है आतंकी हाफिज सईद, लगा प्रतिबंध

 पाकिस्तान में लोग लाखों पशुओं की कुर्बानी करते हैं और आतंकवादी समूह उन जानवरों के अवशेष एकत्र करके उन्हें बेचते हैं और धन जुटाते हैं. पाकिस्तान सरकार की अधिसूचना में चेतावनी दी गई है कि प्रतिबंधित संगठनों को किसी तरह की वित्तीय सहायता (नकदी या कुर्बान पशुओं के अवशेष) देने वालों के खिलाफ आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 28, 2023, 09:50 PM IST
  • पाकिस्तान की सरकार का नया आदेश.
  • कोई न करे प्रतिबंधित संगठन की मदद.
बकरीद पर कुर्बान जानवरों के चमड़े बेचकर पैसे कमाता है आतंकी हाफिज सईद, लगा प्रतिबंध

लाहौर. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने बुधवार को 84 प्रतिबंधित संगठनों की एक सूची जारी की, जो ईद-उल-अजहा के दौरान कुर्बान पशुओं के अवशेष एकत्र नहीं कर सकेंगे. इनमें 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के सरगना हाफिज सईद नेतृत्व वाले संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) की 10 तथाकथित धर्मार्थ शाखाएं भी शामिल हैं.

ईद-उल-अजहा का त्योहार बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा. पाकिस्तान में लोग लाखों पशुओं की कुर्बानी करते हैं और आतंकवादी समूह उन जानवरों के अवशेष एकत्र करके उन्हें बेचते हैं और धन जुटाते हैं. इस पैसों का इस्तेमाल ये कट्टरपंथी आतंकी संगठन अपने मंसूबों को कामयाब करने में करते हैं. 

मदद करने वालों को कड़ी चेतावनी
पंजाब प्रांत के गृह विभाग ने स्थानीय समाचार पत्रों में 84 संगठनों की सूची के साथ एक अधिसूचना प्रकाशित कराई है. अधिसूचना में चेतावनी दी गई है कि प्रतिबंधित संगठनों को किसी तरह की वित्तीय सहायता (नकदी या कुर्बान पशुओं के अवशेष) देने वालों के खिलाफ आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.

84 प्रतिबंधित संगठनों में से 10 जेयूडी के
अधिसूचना में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि 84 प्रतिबंधित संगठनों में से 10 जेयूडी की धर्मार्थ शाखाएं हैं. इन शाखाओं में अल-नफल ट्रस्ट लाहौर, इदारा खिदमत-ए-खल्क लाहौर, अल-दावतुल इरशाद पाकिस्तान, अल हंद ट्रस्ट फैसलाबाद, अल-मदीना फाउंडेशन, माज़ बिन जबल एजुकेशन ट्रस्ट, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन अल-फजल फाउंडेशन और अल आइसर फाउंडेशन लाहौर शामिल हैं.

अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के निशाने पर रहा है पाकिस्तान
बता दें कि आतंक के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई न करने को लेकर पाकिस्तान पहले से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के निशाने पर रहा है. यही कारण है कि वैश्विक संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने तीन बार पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला है. बीते साल अक्टूबर महीने में पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट से बाहर किया था. तब पाकिस्तान सरकार ने टेरर फंडिंग के खिलाफ कदम उठाने के वादे किए थे. माना जा रहा है कि ताजा कदम इसी वादे के तहत उठाया गया है.

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