Covid 19: मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है कोरोना, बढ़ जाता है न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का खतरा

Corona Virus: कोविड-19 को मुख्य रूप से श्वसन संबंधी बीमारी के रूप में देखा और इलाज किया जा सकता है, लेकिन मानव शरीर पर प्रभाव के मामले में यह ज्यादा गंभीर है क्योंकि यह मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है जिससे अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी तंत्रिका संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. जाने माने डॉक्टर डॉ. यतीश अग्रवाल ने यह कहा है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 8, 2023, 07:35 PM IST
  • डॉ. अग्रवाल ने कोरोना महामारी को बताया '‘हजार सिर वाला दैत्य’
  • 'मस्तिष्क को कई तरह से प्रभावित कर सकता है कोरोना वायरस'
Covid 19: मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है कोरोना, बढ़ जाता है न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का खतरा

नई दिल्ली: कोविड-19 को मुख्य रूप से श्वसन संबंधी बीमारी के रूप में देखा और इलाज किया जा सकता है, लेकिन मानव शरीर पर प्रभाव के मामले में यह ज्यादा गंभीर है क्योंकि यह मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है जिससे अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी तंत्रिका संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. जाने माने डॉक्टर डॉ. यतीश अग्रवाल ने यह कहा है. 

डॉ. अग्रवाल ने कोरोना महामारी को बताया '‘हजार सिर वाला दैत्य’ 

वर्द्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल, नयी दिल्ली के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. अग्रवाल ने महामारी को ‘हजार सिर वाला दैत्य’ बताते हुए कहा कि कोविड-19 का प्रभाव नाक, गले और फेफड़ों से कहीं आगे तक फैला हुआ है तथा शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है. 

एक पत्रिका के लिए लिखे गए विशेष लेख में उन्होंने कहा है कि व्यापक क्लीनिकल अध्ययन से पता चलता है कि 36-84 प्रतिशत कोविड-19 रोगियों में न्यूरोलॉजिकल जटिलताएं होती हैं. कई लोग जो तंत्रिका संबंधी लक्षणों का अनुभव करते हैं 50 साल से कम उम्र के होते हैं और संक्रमण से पहले वे स्वस्थ थे. 

लेख में उन्होंने कहा है कि संक्रमण से प्रभावित हो चुके कई लोगों में पैनिक अटैक, ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर और अवसाद की समस्या हो सकती है. ये समस्याएं अत्यधिक शराब का सेवन, मादक द्रव्यों का सेवन, आत्महत्या की प्रवृत्ति, भ्रम जैसी स्थिति को भी बढ़ा सकती है. 

'मस्तिष्क को कई तरह से प्रभावित कर सकता है कोरोना वायरस'

डॉक्टर ने कहा है कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और समुदाय में मध्यम से गंभीर स्तर की बेचैनी के लक्षण आम हैं. इस बात के पुख्ता सबूत अब मौजूद हैं कि कई स्वरूप वाला कोरोना वायरस मस्तिष्क के कार्य, व्यवहार और बौद्धिक क्षमताओं को कई तरह से प्रभावित कर सकता है. 

यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड पैरा मेडिकल हेल्थ साइंसेज, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के डीन डॉक्टर अग्रवाल ने कहा, ‘‘इनमें से कुछ प्रभाव गंभीर होते हैं और थोड़े समय में दूर भी हो जाते हैं, लेकिन कुछ अन्य लंबे समय तक प्रभावित करते हैं.’’ 

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