नई दिल्ली: Health Tips: वजन कम करने के लिए अलग-अलग तरह नुस्खे और तरीके आजमाए जाते हैं. वहीं, आयुर्वेद की मदद से वेट लॉस करने के लिए सबसे पहले शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने पर जोर दिया जाता है.
इसीलिए, आयुर्वेद में वेट लॉस के लिए ऐसी जड़ी-बूटियों के सेवन की सलाह दी जाती है, जिनमें बॉडी मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने का काम करती हैं.
वेट लॉस के लिए आयुर्वेदिक हर्ब्स
इनमें से अधिकांश मसाले, फल और सब्जियां हमारे किचन्स में आसानी से मिल जाती हैं और इनका सेवन भी काफी आसान तरीकों से किया जा सकता है.
अश्वगंधा
शरीर की कमजोरी दूर करने और तनाव कम करने के लिए अश्वगंधा का सेवन किया जाता है. इसके साथ ही रक्त में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और शरीर को नयी फुर्ती देने के लिए भी अश्वगंधा का सेवन किया जाता है. अश्वगंधा का सेवन करने से स्वास्थ्य में कई तरीकों से सुधार हो सकता है. अश्वगंधा का सेवन करने से ना केवल वेट लॉस होता है बल्कि यह स्ट्रेस से राहत दिलाकर इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रॉन्ग बनाता है.
त्रिफला
आंवला, हरड़ और बहेड़ा के फलों का मिश्रण यानि त्रिफला से हर भारतीय परिचित है. त्रिफला (ज्तपचींसं) वेट लॉस के लिए भी बहुत पसंद किया जाता है. त्रिफला शरीर की अंदर से सफाई करता है और डिटॉक्सीफिकेशन की वजह से ही यह वेट लॉस की प्रक्रिया को भी तेज करता है.
इसके साथ ही त्रिफला डाइजेस्टिव सिस्टम को भी काम करने में मदद करता है. त्रिफला में फैट-बर्निंग तत्व होते हैं जो शरीर की मेटाबॉलिक रेट बढ़ाकर एक्स्ट्रा फैट को बर्न करते हैं. इन सबसे वेट को कम करना और उसे मेटेंन करना आसान हो जाता है.
हल्दी
अपने एंटीबैक्टेरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण हल्दी घर-घर में इस्तेमाल की जाती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि हल्दी का सेवन करने से वेट लॉस भी होता है.
हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्यूमिन नामक तत्व शरीर में फैट बढ़ाने वाले टिश्यूज को बढ़ने नहीं देता जिससे, वेट को बढ़ने से रोकना भी आसान होता है. इसके अलावा हल्दी में कुछ ऐसे पाचक तत्व भी पाए जाते हैं जो फैट के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं और इससे शरीर का मोटापा कम होता है.
दालचीनी
वेट लॉस के लिए दालचीनी की चाय पीना कई लोगों का वेट लॉस सीक्रेट है. गर्मियां हों या बरसात हर सीजन में लोग इस हर्बल टी का सेवन कर सकते हैं. दरअसल, दालचीनी में पाए जाने वाले तत्व शरीर की मेटाबॉलिक रेट बढ़ती है.
वजन कम करने के लिए दालचीनी का पाउडर अन्य मसालों के साथ दाल या करी में मिलाया जा सकता है. इसी तरह दालचीनी की स्टिक्स को पानी में भिगोकर उसका पानी या काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं. इस हेल्दी मसाले का नियमित सेवन करने से फैट बर्निग प्रक्रिया तेज हो सकती है.
एलोवेरा
मोटापा घटाने में मददगार मानी जाने वाली जड़ी-बूटियों में एलोवेरा का भी नाम शामिल है. यह मेटाबॉलिज्म तो बढ़ाता ही है साथ ही ब्लड शुगर लेवल को भी कम करता है. एलोवेरा शरीर में वॉटर रिटेंशन को भी कम करता है जिससे शरीर की सूजन भी कम होती है और मोटापा भी कंट्रोल में रहता है.
मेथी
सस्ती होने के साथ-साथ हर मौसम में सेवन के लिए उपयोगी भी मानी जाती है मेथी. इसीलिए, इसका सेवन अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है. सर्दियों में मिलने वाली मेथी की ताजी पत्तियों का जूस पीने से वेट लॉस में मदद हो सकती है.
वहीं, मेथी के बीजों से तैयार हर्बल चाय पीने से भी मेटाबॉलिज्म बढ़ाया जा सकता है. खासकर, बेली फैट घटाने के लिए मेथी के दानों को रातभर पानी में भिगोकर सुबह इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है. इससे फैट बर्न होता है और शरीर में जमा टॉक्सिन भी कम होते हैं.
अदरक
हल्दी की तरह अदरक भी उन हर्ब्स में से है जिसका इस्तेमाल मसालों के तौर पर भी होता है और आयुर्वेदिक औषधी के तौर पर भी इसे कई समस्याओं से राहत के लिए प्रयोग किया जाता है.
अदरक की कच्ची गांठों को चटनी, अचार या चाय में कूटकर मिलाया जाता है. जबकि, सूखी अदरक या सोंठ के पाउडर को शहद या एसेंशियल ऑयल्स के साथ मिलाकर कुछ घरेलू नुस्खे तैयार किए जाते हैं.
अदरक को उसके पाचक गुणों के लिए जाना जाता जो पेट की सूजन, कॉन्स्टिपेशन और ब्लोटिंग जैसी परेशानियों से आराम दिलाता है. वहीं, अदरक का सेवन करने से वेट लॉस भी होता है.
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