कच्चे तेल की कीमत 7 माह के निचले स्तर पर, जानें भारत में पेट्रोल के क्यों नहीं घट रहे दाम

अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड पिछले सप्ताह 90 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया. फरवरी,2022 की शुरुआत के बाद से पहली बार ऐसा हुआ है. भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का भाव आठ सितंबर को 88 डॉलर प्रति बैरल बैठ रहा था. अप्रैल में यह औसत 102.97 अरब डॉलर प्रति बैरल था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 11, 2022, 01:29 PM IST
  • 90 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड
  • मंदी की आशंका के बीच ऐसा हो रहा है, पर भारत में असर क्यों नहीं है
कच्चे तेल की कीमत 7 माह के निचले स्तर पर, जानें भारत में पेट्रोल के क्यों नहीं घट रहे दाम

नई दिल्ली: दुनिया में कच्चे तेल की कीमतें सात महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं, लेकिन भारत में पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्य में कोई बदलाव नहीं हुआ है. बता दें कि फरवरी की शुरुआत के बाद मंदी की आशंका के बीच ऐसा हो रहा है. पहली बार अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड पिछले सप्ताह 90 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया. अभी यह कुछ सुधार के साथ 92.84 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है, जो छह महीने का निचला स्तर है. 

उसके बाद से रूस द्वारा नॉर्थ स्ट्रीम पाइपलाइन को बंद रखने और कच्चे तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और उसके सहयोगियों (ओपेक +) के उत्पादन में कटौती जैसे कदम उठाए गए. इसके बावजूद कीमतों में गिरावट आई है. 

भारत में असर नहीं पड़ने का कारण
भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसकी वजह यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने लागत में बढ़ोतरी की बावजूद करीब पांच माह तक नुकसान झेलते हुए पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की थी. 

रिकॉर्ड 158 दिन से नहीं बढ़े दाम
रिकॉर्ड 158 दिन से पेट्रोल और डीजल कीमतों में बदलाव (फ्रीज) नहीं हुआ है. पेट्रोलियम कीमतों में बदलाव नहीं होने के सवाल पर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में तेजी की वजह से दाम नहीं बढ़ाने के चलते जो नुकसान हुआ था, उसकी वजह से अब ये कंपनियां कीमतें नहीं घटा रही हैं. 

उन्होंने कहा, ‘‘जब अंतरराष्ट्रीय कीमतें ऊंची थीं, हमारी (पेट्रोल और डीजल) कीमतें पहले ही कम थीं. ‘‘क्या हमने अपने सारे नुकसान की भरपाई कर ली है?’’ हालांकि, उन्होंने छह अप्रैल से दरों को स्थिर रखने से हुए नुकसान के बारे में विस्तार से नहीं बताया. 

भारत को कितने का पड़ रहा तेज
भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का भाव आठ सितंबर को 88 डॉलर प्रति बैरल बैठ रहा था. अप्रैल में यह औसत 102.97 अरब डॉलर प्रति बैरल और उसके बाद के महीने में यह 109.51 डॉलर प्रति बैरल था. जून में यह 116.01 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. जुलाई से अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आना शुरू हुई. उस समय भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का औसत भाव 105.49 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. अगस्त में यह 97.40 डॉलर प्रति बैरल और सितंबर में अबतक 92.87 डॉलर प्रति बैरल पर है. 

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