नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने हाल ही में मिल्की वे गैलक्सी में एक नए तारकीय ब्लैक होल की पहचान की है. माना जा रहा है कि यह अब तक का खोजा गया सबसे बड़ा ब्लैक होल है. ऑब्जर्वेटोएरे डी पेरिस में 'नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च' (CNRS) के एस्ट्रोनॉमर पास्कवेले पैनुजो के मुताबिक यह ब्लैकहोल सूरज से लगभग 33 गुना ज्यादा बड़ा है और धरती से 2000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. इस ब्लैक होल का नाम 'Gaia BH3'रखा गया है.
कैसे बनता है ब्लैकहोल?
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ब्लैक होल धरती के दूसरे सबसे पास एक्विला तारामंडल में स्थित है. बता दें कि ब्लैक होल तब बनते है जब तारे अपनी लाइफ के सबसे आखिरी पड़ाव में होते हैं. इनमें से कुछ तारे फूलते हैं और अपने द्रव्यमान को खो देते हैं, जिसके बाद ये ठंडे होकर एकदम सफेद बौने बन जाते हैं. वहीं जिन तारों में तत्व नहीं होते हैं वे अपने द्रव्यमान कम खोते हैं. इन तारों को धातु-रहित बोला जाता है. ये सफेद बौने बनने के बदले खुद ही ढह जाते हैं और फिर एक ब्लैक होल का निर्माण करते हैं.
कैसे हुई डिस्कवरी?
तारकीय ब्लैक होल की डिस्कवरी तब हुई जब एस्ट्रोनॉमर्स ने एक तारे को इसकी परिक्रमा करते समय डगमगाते हुए देखा. एस्ट्रोनॉमर पैनिजो ने कहा,' हम सूरज से थोड़ा छोटा और ज्यादा चमकीला तारा देख रहे थे, जो एक अदृश्य तारे के चारों तरफ घूम रहा था.' पानुजो ने कहा,' तारकीय ब्लैक होल कुछ बड़े तारों के ढहने से बनते हैं. ये सुपरमैसिव ब्लैक होल से छोड़े छोटे होते हैं, जिनका रचना अभी अज्ञात है.'
कहां स्थित है ब्लैकहोल?
'NASA' के वैज्ञानिकों का मानना है कि मिल्की वे गैल्कसी में 50 से ज्यादा तारकीय ब्लैक होल हैं. वहीं इससे पहले जनवरी 2024 में एस्ट्रोनॉमर्स ने कहा था कि उनकी ओर से अब तक के सबसे पुराने ब्लैक होल की खोज की गई है, जो 13 अरब साल से पहले के यूनिवर्स का है. बता दें कि ब्लैकहोल GN-z11 नाम के पुराने गैलक्सी में स्थित है, जो 13.4 बिलियन प्रकाश वर्ष से दूर मौजूद है. इसे जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप के इस्तेमाल से देखा गया था.
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