नई दिल्लीः जनवरी महीने में हर दिन भारतीय बीमा कंपनियों पर 1.6 मिलियन से अधिक साइबर हमलों को रोका गया. इस दौरान बीमा क्षेत्र की 114 वेबसाइटों पर कुल 4,98,44,877 साइबर हमले दर्ज किए गए. सोमवार 2 फरवरी को यह जानकारी दी गई.
उद्योगों पर कितने साइबर हमले
टीसीजीएफ 2 (टाटा कैपिटल) द्वारा वित्तपोषित एप्लिकेशन सुरक्षा सास कंपनी इंडसफेस की रिपोर्ट की मानें तो
औसतन, बीमा क्षेत्र की एप्लिकेशन्स में से प्रत्येक को 4,30,000 हमलों का सामना करना पड़ता है, जो सभी उद्योगों में प्रति ऐप 4,50,000 हमलों के समग्र औसत के करीब है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी पता चला कि 51 प्रतिशत भारतीय बीमा वेबसाइटों पर डीडीओएस अनुरोधों के साथ हमला किया गया था, जो डीडीओएस अनुरोधों द्वारा हमला किए जाने वाले 30 प्रतिशत साइटों के समग्र औसत से बहुत अधिक है.
'बीमा उद्योग पर बॉट हमलों का बढ़ना चिंताजनक'
इंडसफेस के संस्थापक और सीईओ आशीष टंडन ने कहा, "बीमा उद्योग पर बॉट हमलों का बढ़ना चिंता का विषय है, क्योंकि ये अधिक परिष्कृत और सर्जिकल होते हैं. भारतीय बीमाकर्ताओं को जिन संभावित जोखिमों का सामना करना पड़ता है, उनमें वित्तीय डेटा और अन्य संवेदनशील जानकारी तक अनाधिकृत पहुंच या स्वयं बीमा कंपनी की आंतरिक प्रणाली भी शामिल है."
उन्होंने आगे कहा, "यह ऐपट्राना डब्ल्यूएएपी जैसे समग्र समाधान को अपनाने का समय है, जो वीएपीटी, डब्ल्यूएएफ, एपीआई सुरक्षा, डीडीओएस और बॉट मिटिगेशन और सुरक्षित सीडीएन को एक मंच पर जोड़ता है."
हैकर्स द्वारा तीन तरीके से किए जाते हैं हमले
बता दें कि हैकर्स द्वारा माउंट किए गए बॉट हमले के तीन प्रमुख प्रकार- अकाउंट टेकओवर, कार्ड क्रैकिंग और स्क्रैपिंग होते हैं. हैकर आमतौर पर वित्तीय खातों पर कब्जा करने और क्रैकिंग और स्क्रैपिंग के माध्यम से क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी करने के लिए बॉट हमलों का उपयोग करते हैं. क्रेडिट कार्ड विवरण, बैंकिंग जानकारी और ग्राहकों के व्यक्तिगत डेटा जैसी बड़ी मात्रा में संवेदनशील और आकर्षक जानकारी के अलावा, भारतीय बीमा कंपनियों पर हमले करने वाला अन्य प्रमुख कारक कमजोरियों का बढ़ना है.
रिपोर्ट में कहा गया है, 'अधिकांश बीमा कंपनियां डिजिटल रूप से समझदार उपभोक्ताओं को पूरा करने के लिए डिजिटल परिवर्तन की राह पर हैं. इससे आवेदनों की संख्या और हमले की सतह में भी वृद्धि हुई है.'
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