मनोज तिवारी ने क्रिकेट के हर प्रारूप से लिया संन्यास, गौतम गंभीर से हुई थी मैदान में लड़ाई

टीम इंडिया के लिए अपने छिटपुट प्रदर्शनों के अलावा, तिवारी बंगाल की बल्लेबाजी लाइन-अप में एक शानदार शख्सियत थे, उन्होंने 141 प्रथम श्रेणी मैचों में 48.56 के औसत से 9908 रन बनाए, जिसमें 29 शतक और 45 अर्धशतक शामिल थे. नाबाद 303 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 3, 2023, 03:54 PM IST
  • जानिए कैसा रहा उनका करियर
  • लंबे समय से थे टीम से बाहर
मनोज तिवारी ने क्रिकेट के हर प्रारूप से लिया संन्यास, गौतम गंभीर से हुई थी मैदान में लड़ाई

नई दिल्लीः टीम इंडिया और बंगाल के अनुभवी बल्लेबाज मनोज तिवारी ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है. तिवारी ने 12 एकदिवसीय और तीन टी20में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी 2011 में चेन्नई में 50 ओवर के मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद 104 रन थी.

बंगाल के लिए मनोज ने किया कमाल
टीम इंडिया के लिए अपने छिटपुट प्रदर्शनों के अलावा, तिवारी बंगाल की बल्लेबाजी लाइन-अप में एक शानदार शख्सियत थे, उन्होंने 141 प्रथम श्रेणी मैचों में 48.56 के औसत से 9908 रन बनाए, जिसमें 29 शतक और 45 अर्धशतक शामिल थे. नाबाद 303 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा.

बंगाल रणजी के लिए किया कमाल
उन्होंने 2022-23 रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंचने के लिए बंगाल की कप्तानी भी की, जहां टीम सौराष्ट्र से हारकर उपविजेता रही. तिवारी ने 169 लिस्ट ए गेम्स में 5581 रन और 183 टी20 गेम्स में 3436 रन भी बनाए. तिवारी वर्तमान में पश्चिम बंगाल सरकार में युवा मामले और खेल राज्य मंत्री हैं.

जानिए क्या बोले मनोज तिवारी
तिवारी ने गुरुवार को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक नोट में कहा, “क्रिकेट के खेल को अलविदा. इस खेल ने मुझे सब कुछ दिया है, मेरा मतलब है कि हर एक चीज़ जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था, उस समय से लेकर जब मेरे जीवन को विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों से चुनौती मिली थी. मैं इस खेल और भगवान का हमेशा आभारी रहूंगा, जो हमेशा मेरे साथ रहे.''

इस वजह से सुर्खियों में आए मनोज
2006-07 में रणजी ट्रॉफी में 99.50 की औसत से 796 रन बनाने के बाद तिवारी राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आए और उन्हें बांग्लादेश दौरे के लिए भारत की टीम में शामिल किया गया, जहां अभ्यास के दौरान कंधे की चोट के कारण उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने से वंचित कर दिया गया.

2008 में हुआ था इंटरनेशनल डेब्यू
उनका अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण अंततः 2008 में ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज़ के दौरान हुआ, जहाँ जेट-लैग से जूझ रहे तिवारी ने ब्रेट ली का सामना किया और केवल दो रन बनाये. इसके बाद उन्होंने 2011 में चेन्नई में कैरेबियाई टीम के खिलाफ अपना पहला वनडे शतक बनाने से पहले वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में दो एकदिवसीय मैच खेले - 126 गेंदों पर 104 रन, जिसके बाद वह मांसपेशियों में खिंचाव के कारण रिटायर्ड हर्ट हो गए.

टीम से लंबे से बाहर
उस शतक के बावजूद, 2012 में श्रीलंका में एकदिवसीय मैचों में फिर से मौका मिलने से पहले, तिवारी को आश्चर्यजनक रूप से कई महीनों तक बाहर रखा गया था और उन्हें पुरुष टी 20 विश्व कप टीम में नामित किया गया था. इसके बाद तिवारी 2014 में बांग्लादेश के एकदिवसीय दौरे के लिए भारत की टीम में वापस आ गए और उन्होंने आखिरी बार 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरी पंक्ति की टीम के सदस्य के रूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला, और तीन एकदिवसीय मैचों में 34 रन बनाए.

आईपीएल में गंभीर की टीम में खेले
तिवारी उस कोलकाता नाइट राइडर्स टीम का हिस्सा थे जिसने गौतम गंभीर की कप्तानी में आईपीएल 2012 की ट्रॉफी जीती थी और फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ विजयी रन बनाया था. कोलकाता के अलावा, उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स, पंजाब किंग्स और अब बंद हो चुकी राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के लिए भी खेला. कुल मिलाकर, उन्होंने 98 आईपीएल मैच खेले, जिसमें 116.98 की स्ट्राइक रेट से 1695 रन बनाए, जिसमें सात अर्धशतक शामिल हैं.

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