क्या बढ़ने वाली है पाकिस्तान, चीन की चिंता? यूरोप का सबसे शक्तिशाली परमाणु युद्धपोत भारत पहुंचा, जानें- क्या है मामला

Europe India Navy exercise: राफेल लड़ाकू विमान चार्ल्स डी गॉल पर तैनात हैं और वे परमाणु हमला करने की ताकत रखते हैं. माना जा रहा है कि फ्रांस ने अपने कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को इस इलाके में भेजकर चीन को कड़ा संदेश दिया है जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत दिखा रहा है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Jan 3, 2025, 08:31 PM IST
  • चीन को कड़ा संदेश
  • भारत के बाद जापान जाएगा फ्रांसीसी युद्धपोत
क्या बढ़ने वाली है पाकिस्तान, चीन की चिंता? यूरोप का सबसे शक्तिशाली परमाणु युद्धपोत भारत पहुंचा, जानें- क्या है मामला

Indian Navy naval exercise: यूरोप का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत चार्ल्स डी गॉल भारत पहुंच गया है. परमाणु विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल फ्रांसीसी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (CSG) के साथ हिंद महासागर में पहुंच गया है.

बताया जा रहा है कि करीब 40 साल बाद फ्रांस ने अपने सीएसजी को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भेजा है. फ्रांसीसी बेड़ा गोवा तट पर भारतीय नौसेना के साथ वरुण नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेगा. इस नौसैनिक अभ्यास का उद्देश्य क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है.

राफेल लड़ाकू विमान चार्ल्स डी गॉल पर तैनात हैं और वे परमाणु हमला करने की ताकत रखते हैं. माना जा रहा है कि फ्रांस ने अपने कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को इस इलाके में भेजकर चीन को कड़ा संदेश दिया है जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत दिखा रहा है.

फ्रांसीसी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हिंद-प्रशांत क्षेत्र में देश के हितों की रक्षा के लिए फ्रांसीसी नौसेना के मिशन क्लेमेंसो 25 के तहत आया है. साथ ही, यह इस क्षेत्र में यूरोपीय अभियानों में भी योगदान दे सकता है.

फ्रांस ने क्या कहा?
फ्रांसीसी नौसेना ने कहा कि कैरियर स्ट्राइक ग्रुप क्षेत्रीय साझेदारों, खासकर भारत के साथ संयुक्त प्रशिक्षण कर रहा है. इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों के युद्धपोतों पर एक-दूसरे के सैनिकों की संचालन प्रक्रिया का अभ्यास किया जाएगा. साथ ही हवा, सतह और पानी से होने वाले खतरे से निपटने का अभ्यास भी किया जाएगा.

भारत के साथ अभ्यास करने के बाद फ्रांसीसी युद्धपोत और चालक दल इंडोनेशिया के लिए रवाना होंगे. वहां से यह दक्षिण चीन सागर के रास्ते जापान जाएगा. इस पूरे इलाके में चीनी नौसेना अपना दबदबा कायम करने की कोशिश कर रही है.

फ्रांस ने अपने बयान में भारत को 1998 से सबसे करीबी रणनीतिक साझेदार बताया है. फ्रांसीसी युद्धपोत अक्सर भारत आते रहते हैं और दोनों देश तस्करी, अवैध मछली पकड़ने और हिंद महासागर में राहत एवं बचाव अभियान चलाते हैं.

चार्ल्स डी गॉल विमानवाहक पोत
चार्ल्स डी गॉल विमानवाहक पोत का वजन 42,500 टन है और यह परमाणु ऊर्जा से चलता है. अमेरिका के बाद फ्रांस ही एकमात्र ऐसा देश है जिसका परमाणु विमानवाहक पोत भारत पहुंचा है. चार्ल्स डी गॉल राफेल लड़ाकू विमान से लैस है जिसे भारत भारतीय नौसेना के लिए भी खरीद रहा है. भारतीय वायु सेना (IAF) के पास पहले से ही राफेल विमान हैं. भारतीय नौसेना ने फ्रांस से स्कॉर्पीन पनडुब्बी भी खरीदी है.

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