इजरायल के 120 कमांडो ने कैसे सीरिया में घुसकर अंडरग्राउंड ईरानी मिसाइल फैक्ट्री की तबाह और असद को पता भी नहीं चला!

सीरिया में इजरायल ने सीक्रेट मिशन को अंजाम दिया था, जिसका खुलासा अब हुआ है. इजरायली सेना ने बशर अल असद के सत्ता से बेदखल होने से पहले ही इस खतरनाक मिशन को अंजाम दिया था. इजरायल ने ईरान की मदद से सीरिया में चल रही मिसाइल फैक्ट्री को तबाह किया. ऑपरेशन मेनी वेज नामक इस मिशन को 8 सितंबर 2024 को अंजाम दिया गया था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 3, 2025, 06:31 PM IST
  • इजरायल ने जारी की मिशन की फुटेज
  • फैक्ट्री से हथियार मुहैया कराए जा रहे थे
इजरायल के 120 कमांडो ने कैसे सीरिया में घुसकर अंडरग्राउंड ईरानी मिसाइल फैक्ट्री की तबाह और असद को पता भी नहीं चला!

नई दिल्लीः सीरिया में इजरायल ने सीक्रेट मिशन को अंजाम दिया था, जिसका खुलासा अब हुआ है. इजरायली सेना ने बशर अल असद के सत्ता से बेदखल होने से पहले ही इस खतरनाक मिशन को अंजाम दिया था. इजरायल ने ईरान की मदद से सीरिया में चल रही मिसाइल फैक्ट्री को तबाह किया. ऑपरेशन मेनी वेज नामक इस मिशन को 8 सितंबर 2024 को अंजाम दिया गया था. 

इजरायल ने जारी की मिशन की फुटेज

इस खतरनाक मिशन को इजरायली सेना की शालडाग यूनिट ने करीब 3 घंटे में पूरा किया था. इसमें 120 कमांडो शामिल थे. वहीं इजरायल ने पहली बार गुरुवार को इस अंडरग्राउंड मिशन की फुटेज जारी की.

 

इजरायली डिफेंस फोर्स ने बताया कि ये साइट इजरायल की उत्तरी सीमा पर अपने प्रतिनिधियों को हथियारबंद करने के प्रयास में ईरान की एक प्रमुख परियोजना थी. परिसर में सटीक मिसाइलों और लंबी दूरी के रॉकेटों का उत्पादन करने के लिए डिजाइन की गई उन्नत उत्पादन लाइनें शामिल थीं, जिससे हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन और क्षेत्र में अन्य ईरानी प्रॉक्सी को मिसाइल आपूर्ति का दायरा काफी बढ़ गया था.

फैक्ट्री से हथियार मुहैया कराए जा रहे थे

टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, आईडीएफ ने जिस फैक्ट्री को निशाना बनाना था, उसका नाम 'डीप लेयर' रखा था. ये प्लांट सीरिया के मसयाफ में वैज्ञानिक अध्ययन और अनुसंधान केंद्र (एसएसआरसी) में एक पहाड़ में स्थापित किया गया था. दावा किया जा रहा है कि ये फैक्ट्री लेबनान में हिजबुल्लाह और सीरिया में असद सरकार को हथियार उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई थी.

हमा के पश्चिम में स्थित ये फैक्ट्री इजरायली सीमा के उत्तर में 200 किमी से अधिक और सीरिया के पश्चिमी तट से लगभग 45 किलोमीटर दूर थी. इस फैक्ट्री को तबाह करन के लिए इजरायली एलीट कमांडो ने 2 महीने की ट्रेनिंग ली थी. इसके अलावा बैकअप के लिए भी सैनिक तैनात थे. 

कैसे मिशन को दिया अंजाम

इजरायल के 100 कमांडो और 20 स्वास्थ्यकर्मी CH-53 यासूर हैवी ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर से सीरिया पहुंचे. वहीं इनकी निगरानी के लिए फाइटर जेट, ड्रोन और निगरानी विमान हवा में थे. इजरायली हेलीकॉप्टर्स ने एयर डिफेंस सिस्टम से बचने के लिए काफी नीचे उड़ान भरी. इससे वे रडार में नहीं आ सकें. वहीं निगरानी कर रहे इजरायली फाइटर जेट ने सीरिया का ध्यान भटकाने का काम किया. इसके बाद इजरायली कमांडो ने पहाड़ के 70 से 130 मीटर नीचे स्थित फैक्ट्री को तबाह किया.

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