वसंत ऋतु में ना ज्यादा गर्मी होती है ना ज्यादा सर्दी. हर जगह फूल खिलते हैं और पेड़ भी हरे भरे होने लगते हैं. ऐसे में अगर आप भी घूमने के शौकीन हैं तो भारत में इन खास जगहों की ट्रेकिंग करना बिलकुल ना भूलें. ये ट्रेक आसान भी हैं और बजट फ्रेंडलि भी. आप ये एक्सपीरिएंस कभी नहीं भूलेंगे.
देवरिया ताल उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में पहाड़ों के बीच बसी एक बेहद सुंदर झील है. इसी झील के पास आप पंच केदार में से एक तुंगनाथ शिव मंदिर के भी दर्शन क सकते हैं. आप यहां पानी में पहाड़ों की परछाई देख सकते हैं. वसंत ऋतु में पूरी घाटी गुलाबी फूलों से सज जाती है. इससे बढ़िया मौका आपको नहीं मिलेगा.
ब्रह्मा ताल ट्रेक को स्वर्ग औऱ धरती के बीच का रास्ता कहा जाता है. पथरीले रास्ते आस पास लगे फूल और ढेर सारी घास आपको किसी स्वर्ग का एहसास दिलाएंगे. ऐसे में आप अपने दोस्तों के साथ इस लंबे सफर पर निकल सकते हैं. ये ट्रेक पूरा करने के लिए आपको लगभग 6 दिनों का समय चाहिए. आराम से अपनी छुट्टी का आप पूरा इस्तेमाल कर सकते हैं.
संदाकफू दार्जिलिंग के पास है. इसके पहाड़ों की चोटियों पर जहीले एकोनाइट पेड़ होते हैं. संदाकफू नाम जहरीले पेड़ पौधों के आधार पर ही रखा गया है.इसे पैराडाइज और ट्रैकर्स भी कहा जाता है. यहां पर छोटी नदियों और पथरीले रास्तों का एक लंबा सफर है जो इसे और भी ज्यादा यादगार बना देता है.
मार्च से आप सिक्किम में स्थित गोएचा ला ट्रैक पर जा सकते हैं. बर्फ पिघलने लगती हैं ऐसे में पेड़ों पर हरियाली लौटती है. सुबह की किरणें जब पिघल रही बर्फ पर गिरती हैं तो नजारा ही कुछ और होता है. आप अपनी फैमिली के साथ इस नजारे को कभी मिस नहीं करना चाहेंगे.
कुआरी दर्रा भारत तिब्बत सीमा के दक्षिण में गढ़वाल क्षेत्र में आता है. अगर हिमालय को बेहद करीब से और उसकी गहराई और ऊंचाई को नापना चाहते हैं तो इससे बढ़िया ट्रैक आपको नहीं मिलेगा. ये ट्रैक आज के दौर में बढ़िया एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए जाना जाता है. यहां भालू और तेंदुए का होना बेहद आम है.
केदारकांठा ट्रेक ज्यादातर लोग सर्दियों के खत्म होते-होते तक पूरा कर लेते हैं.जो ट्रेकिंग शुरू करने वाले हैं उनके लिए ये सबसे अच्छा टेक माना जाता है. घने जंगलों के बीच से कैंपिंग का आनंद लेते हुए आप ये ट्रेक पूरा कर सकते हैं. इस नजारे को कैमरे में कैद कर पाना लगभग नामुमकिन है. आप मार्च में इस ट्रेक पर निकल सकते हैं.