उम्र को 100 साल से भी लंबी कर सकती है ये डाइट, प्राचीन समय में भारतीय करते थे फॉलो

Ayurvedic Diet Plan: आयुर्वेदिक आहार प्राचीन समय से भारत में फॉलो किया जाने वाले आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल का एक हिस्सा है. यह  पूर्ण रूप से प्राकृतिक होता है. जिटेरियन डाइट होने के कारण इन दिनों आयुर्वेदिक आहार काफी तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है.

नई दिल्ली: Ayurvedic Diet Plan: भारत में प्राचीन समय से आयुर्वेदिक डाइट प्लान को फॉलो किया जाता रहा है. यह डाइट पूरी तरह से वेजिटेरियन होती है. इसमें प्राकृतिक आहार ही शामिल होते हैं. इन दिनों विदेशों में भी आयुर्वेदिक डाइट प्लान खूब फॉलो की जा रही है. पूरी तरह से वेजिटेरियन होने के चलते इसने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है. 

 

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आयुर्वेदिक जीवनशैली और मान्यता के मुताबिक ये ब्रम्हांड जल, वायु, आकाश, अग्नि और पृथ्वी इन 5 तत्वों से मिलकर बना है. ये तत्व मिलकर 3 ऊर्जाएं बनाते हैं, जिन्हें दोष कहा जाता है. ये दोष हर जीवित प्राणियों के शरीर में संचारित होती हैं. हर दोष के लिए शरीर में एक जगह होती है, जो शारीरिक कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है. 

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आयुर्वेदिक डाइट डाइट प्लान में आपके शरीर और दोष के हिसाब से ही तय होता है कि आपको कब, कैसे और क्या भोजन ग्रहण करना चाहिए. इससे आपका शरीर और मन स्वस्थ रहता है. वहीं इस डाइट को फॉलो करने से व्यक्ति संतुलित जीवन जीता है. चलिए जानते हैं उन 3 दोषों के बारे में जो आपको यह तय करने में मदद करेगी कि आपके लिए किस तरह की डाइट बेहतर है.    

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वात दोष : वात दोष वाले लोग बोलने में तेज और ऊर्जावान अभिव्यक्ति वाले होते हैं. आमतौर पर ऐसे लोग पतले होते हैं और उनकी त्वचा भी नाजुक होती है. ऐसे लोगों को थकान, चिंता और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इस दोष वाले लोगों को केला, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, अंगूर और आम जैसे मीठे फल खाने चाहिए. वहीं इनको मूली, शलजम, गाजर, शकरकंद जैसी सब्जियां खानी चाहिए. साथ ही अपने भोजन में अदरक, जीरा, तुलसी, लौंग, अजवायन, काली मिर्च और इलायची जैसी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करना चाहिए. इन लोगों को दूध, दही मक्खन का खूब सेवन करना चाहिए. 

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पित्त दोष: जिन लोगों में पित्त दोष होता है वे दृढ़ इच्छाशक्ति वाले, बुद्धिमान और भावुक स्वभाव वाले होते हैं. ऐसे लोग अच्छे लीडर भी बनते हैं. इनका शरीर आम तौर पर मसक्यूलर और कद-काठी नॉर्मल होती है. पित्त दोष वाले लोगों को अपच, हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग की समस्या हो सकती है.  पित्त दोष वाले लोगों को तेज मसाले और ड्राई फ्रूट्स का सेवन कम करना चाहिए. वहीं इन्हें अपने खाने में जौ, जई, बासमती चावल और गेहूं जैसे अनाज शामिल करने चाहिए. साथ ही फूलगोभी, गाजर, कद्दू, हरी सब्जियां और तोरी जैसी सब्जियां समेत अनानास, केले, खरबूजे, संतरे अनानास और आम जैसे फल खाने चाहिए. ऐसे लोग डाइट में फलियां भी जरूर शामिल करें.   

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कफ दोष: जिन लोगों में कफ दोष होता है वे सहज, शांत, रूढ़िवादी और धीमे लेकिन उद्देश्यपूर्ण व्यक्ति होते हैं. इन लोगों में अक्सर मोटापे, अस्थमा, डायबिटीज और डिप्रेशन की समस्या हो सकती है. कफ दोष वाले लोगों तेल और को फैट युक्त चीजों का कम सेवन करना चाहिए. इन्हें प्रोसेस्‍ड फूड्स के सेवन से भी बचना चाहिए. कफ दोष वाले लोगों को जई, राई, मक्रा, जौ और बाजरा का सेवन करना चाहिए. साथ ही इन लोगों को सेब, ब्लूबेरी, नाशपाती, अनार, किशमिश, चेरी और अंजीर जैसे फलों का सेवन करना चाहिए. सब्जियों में ये लोग पत्तेदार साग, प्याज, मूली और भिंडी खा सकते हैं. इसके अलावा अपनी डाइट में छोले, दाल, और कद्दू के बीज भी शामिल करें.    

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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.