अडानी के इस काम से क्या देश की छवि पर पड़ेगा असर? वित्त मंत्री ने कह दी ये बात

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अडानी के एफपीओ वापस लेने से देश की छवि पर असर नहीं पड़ेगा. आपको इस रिपोर्ट में इससे जुड़ी सारी जानकारी देते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 4, 2023, 06:09 PM IST
  • गौतम अडानी पर वित्त मंत्री का बड़ा बयान
  • देश की छवि को लेकर क्या बोलीं सीतारमण?
अडानी के इस काम से क्या देश की छवि पर पड़ेगा असर? वित्त मंत्री ने कह दी ये बात

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अडानी समूह के 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) वापस लेने से देश की अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है. वित्त मंत्री ने बजट के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले दो दिनों में ही आठ अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा आई है.

देश की अर्थव्यवस्था पर क्या बोलीं वित्त मंत्री?
निर्मला सीतारमण ने कहा, '...हमारा व्यापक आर्थिक बुनियादी आधार या हमारी अर्थव्यवस्था की छवि, इनमें से कोई भी प्रभावित नहीं हुई है. हां, एफपीओ (अनुवर्ती-सार्वजनिक पेशकश) आते रहते हैं और एफआईआई बाहर निकलते रहते हैं.'

उन्होंने कहा कि हर बाजार में 'उतार-चढ़ाव' होता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई वृद्धि इस तथ्य को साबित करती है कि भारत और उसकी ताकत को लेकर भरोसा बरकरार है. अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में नियामक अपना काम करेंगे. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास बाजारों की स्थिरता सुनिश्चित करने के साधन हैं.

अडानी समूह के खिलाफ लगे थे गड़बड़ी के आरोप
उन्होंने कहा, '...बाजारों को सही स्थिति में विनियमित करने के लिए सेबी प्राधिकरण है. उसके पास इस सही स्थिति को बनाए रखने के साधन हैं.' वित्त मंत्री ने अपने शुक्रवार के बयान का हवाला देते हुए कहा कि आरबीआई पहले ही बता चुका है कि बैंक क्षेत्र मजबूत और स्थिर है. अमेरिकी ‘शॉर्ट सेलर’ और वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने करीब 10 दिन पहले अडानी समूह के खिलाफ कंपनी संचालन के मोर्चे पर गड़बड़ी के कई आरोप लगाए थे.

अहमदाबाद स्थित अडानी समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और इसे भारत पर सुनियोजित हमला करार दिया है. अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में गिरावट के कारण इसके एफपीओ को पूरा अभिदान मिलने के बावजूद रद्द कर दिया गया.

'गैर-महत्वपूर्ण मुद्दे पर हो रही जरूरत से अधिक चिंता'
सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में की गई घोषणा के बारे में पूछने पर सीतारमण ने कहा कि उस बारे में ऐसी कोई ताजा जानकारी नहीं है, जिसे वह बता सकती हैं. इस मौके पर वित्त सचिव टी वी सोमनाथन अपनी उस टिप्पणी पर कायम रहे, जिसमें उन्होंने अडानी प्रकरण को 'चाय के प्याले में उठा तूफान' बताया था. एक गैर-महत्वपूर्ण मुद्दे पर जरूरत से अधिक चिंता की जा रही है.

सोमनाथ ने वोडाफोन आइडिया में बकाया राशि को इक्विटी में बदलने के फैसले पर कहा कि यह लेनदेन सभी दूरसंचार कंपनियों को पेश किए गए पैकेज के तहत किया जा रहा है. दीपम सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट के बावजूद लेनदेन 10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर किया गया है, क्योंकि कानूनों के अनुसार शेयर के अंकित मूल्य पर तरजीही आवंटन होता है.

टैक्स से जुड़े सवाल पर क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?
एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था को खत्म करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है और सरकार ने केवल एक नई कर व्यवस्था पेश की है, जो सरल है और जिसमें दरें कम हैं.

अधिकारियों ने इस बात से भी इनकार किया कि इससे अर्थव्यवस्था में बचत पर असर पड़ेगा. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि नागरिकों को यह तय करने के लिए विकल्प दिए जा रहे हैं कि वे अपने धन का क्या करना चाहते हैं.

गिफ्ट सिटी के लिए विवादास्पद पी-नोट पेश करने पर एक सवाल का जवाब देते हुए, सोमनाथन ने कहा कि इससे दूसरे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि देश हमेशा किसी भी कथित जोखिम को कम करने का अधिकार रखता है.

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