पहली महिला जो विदेशी धरती पर फाइटर जेट से दहाड़ी, जानें कौन बनीं हर औरत के लिए मिसाल

दुनियाभर की महिलाएं आज पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी देखने को मिल रही हैं. भारत भी इस मामले में किसी से पीछे नहीं रहा. आज हम बात करने जा रहे हैं भारत की पहली फाइटर जेट महिला पायलट के बारे में, जो आज पूरे देश की महिलाओं को प्रेरित करती हैं.

Written by - Bhawna Sahni | Last Updated : Jan 20, 2025, 10:10 PM IST
    • अवनी हैं देश की पहली फाइटर जेट महिला पायलट
    • अवनी ने देशभर की महिलाओं को किया है प्रेरित
पहली महिला जो विदेशी धरती पर फाइटर जेट से दहाड़ी, जानें कौन बनीं हर औरत के लिए मिसाल

नई दिल्ली: 'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के' आमिर खान की फिल्म 'दंगल' का ये डायलॉग आपने फिल्म के अलावा भी कई बार कई लोगों को कहते सुना होगा, लेकिन आज के वक्त में यही डायलॉग हर लड़की पर बिल्कुल फिट बैठता है. आज की औरतें हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं और वो कर दिखा रही हैं जिसकी लोग कल्पना भी नहीं कर पाते. ऐसा ही एक नाम है अवनी चतुर्वेदी का. जी हां, ये हम यहां भारत की पहली फाइटर जेट महिला पायलट अवनी चतुर्वेदी की ही चर्चा कर रहे हैं, जो भारतीय वायु सेना में कार्यरत हैं.

मध्य प्रदेश की हैं अवनी चतुर्वेदी

मध्य प्रदेश के सतना जिले के कोठीकंचन गांव में जन्मीं अवनी चतुर्वेदी का पूरा परिवार ही देश की सेवा में है. अवनी ने अपनी शुरुआती शिक्षा मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने राजस्थान का रुख कर लिया, जहां से उन्होंने वनस्थली विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की. अवनी के पिता भी मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन विभाग में इंजीनियर हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवनी के मामा भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल हैं, जबकि उनके भाई निरभ सेना में कैप्टन हैं.

2016 में मिला था मौका

बता दें कि अवनी चतु्र्वेदी जुलाई 2016 में फ्लाइंग ऑफिसर चुना गया था. उनके साथ उनकी दो बैचमेट भी फ्लाइंग ऑफिसर बनी थीं. गौरतलब है कि साल 2016 से पहले भारतीय वायुसेना में महिलाओं को फाइटर प्लेन उड़ाने की इजाजत नहीं थी. 2016 के बाद ही सरकार की ओर से महिलाओं के लिए लड़ाकू विमान क्षेत्र खोल दिया गया था.

रच चुकी हैं इतिहास

अवनी चतुर्वेदी जापान में हुए युद्धाभ्यास का हिस्सा बन चुकी हैं. विदेश में युद्धाभ्यास में शामिल होने वाली वह पहली भारतीय वायुसेना की महिला पायलट भी बनीं. यह अभ्यास तब हुआ जब चीन-इंडो पेसिफिक रीजन में अपनी ताकत दिखा रहा था. इसी अभ्यास को वीर गार्जियन 2023 का नाम मिला.

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